इस बार होलिका दहन 17 मार्च (holika dahan 17 march 2022) को होगा और वहीं होली 18 मार्च को मनाई जाएगी. भद्रा दोष की वजह से होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात में 1 बजे बाद रहेगा. इस पर ज्योतिषों का कहना है कि इस दिन होलिका दहन के दौरान हवा की दिशा से तय होता है कि अगली होली (holi fire direction) तक का समय सेहत, रोजगार, शिक्षा, बिजनेस, कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए कैसा होगा. ज्योतिषाचार्यों की माने तो होलिका जलने पर जिस दिशा से धुंआ उठता है. वो आने वाले वक्त का भविष्य जाना जाता है. होलिका दहन की आग सीधी ऊपर उठे तो उसे बहुत शुभ माना गया है. वहीं, दक्षिण दिशा की ओर झुकी होलिका की आग को देश में बीमारियां और दुर्घटनाओं का संकेत देने वाला माना जाता है. तो, चलिए अब आपको दिशाओं (scientific reason behind holi) के हिसाब से बताते हैं.
यह भी पढ़े : Holi 2022 Radha Rani Aarti: होली पर श्री राधा-रानी की करेंगे ये आरती, इच्छाओं की होगी पूर्ति
उत्तर दिशा
होलिका दहन के वक्त अगर आग उत्तर दिशा की ओर होती है तो, देश और समाज में सुख-शांति बढ़ती है. इस दिशा में कुबेर के साथ दूसरे देवताओं का वास होने से आर्थिक प्रगति होती है. चिकित्सा, शिक्षा, कृषि और व्यापार (north diretion) में उन्नति होती है.
दक्षिण दिशा
होलिका दहन की आग का दक्षिण दिशा की ओर झुकना अशुभ माना गया है. दक्षिण दिशा में होलिका की लौ होने से झगड़े और विवाद बढ़ने की आशंका बनी रहती है. युद्ध-अशांति की स्थिति भी बनती है. इस दिशा में यम का प्रभाव होने से रोग और दुर्घटना बढ़ने का अंदेशा (south direction) भी रहता है.
यह भी पढ़े : Ganesh Ji Puja and Upay: बुधवार के दिन गणपति की पूजा के बाद करें ये उपाय, धन और सुख-शांति पाएं
पूर्व दिशा:
होलिका दहन की लौ पूर्व दिशा की ओर झुके तो, इसे बहुत शुभ माना गया है. इससे शिक्षा-अध्यात्म और धर्म को बढ़ावा मिलता है. इसके साथ ही रोजगार की संभावना बढ़ती है. लोगों की हेल्थ में भी सुधार होता है. साथ ही मान-सम्मान (west direction) भी बढ़ता है.
पश्चिम दिशा
होली की आग पश्चिम की ओर उठे तो पशु-धन को लाभ होता है. आर्थिक प्रगति भी धीरे-धीरे होने लगती है. इसके साथ ही थोड़ी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी रहती है, लेकिन कोई बड़ी हानि नहीं होती है. इस दौरान चुनौतियां बढ़ती हैं लेकिन सफलता भी (west direction) मिलती है.