शास्त्रों के अनुसार यमराज को मृत्यु (yamraj ki kahani) का देवता कहा गया है. इसके साथ ही ये कहा गया है कि जो व्यक्ति आया है वो जाएगा भी. लोगों के धरती पर आने से पहले ही जाने की तिथि भी निर्धारित होती है. ज्योतिष शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि यमराज हर मनुष्य को उसकी मृत्यु से पहले कुछ संकेत (4 signs of death) देते हैं. जो मनुष्य इन संकेतों को जानकर और समझकर अपने कर्मों को सुधार लेते हैं उनका जीवन सफल हो जाता है. इसके विपरीत अज्ञानी लोग इन संकेतों को भी अनदेखा कर देते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वे संदेश और संकेत (yamraj indications) कौन-से हैं.
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यमराज देते हैं ये संकेत -
बालों का सफेद होने लगना
सबसे पहले उन चार संदेशों की बात करें जो यमराज सामान्य मृत्यु से पहले हर किसी को भेजते हैं. आपने देखा होगा कि जब उम्र बढ़ने लगती है तो सबसे पहले व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं. दरअसल, इसे पहला संदेश माना जाता है कि अब उम्र बढ़ रही है. तो, मोह की दुनिया से बाहर निकलना (yamraj mantra) शुरु करें.
दांतों का टूट जाना
वहीं दूसरा संदेश दांतों का टूट जाना होता है. जब कुछ और उम्र बढ़ती है तब ये पता चलता है कि व्यक्ति के दांत गिरने लगे हैं. दांत का गिरना ये बताता है कि लोगों का शरीर कह रहा है मुझे मुक्ति की जरुरत है मेरा मोह अब मत करो.
आंखों की रोशनी का कमजोर हो जाना
तीसरा संदेश होता है कि लोगों की ज्ञानेन्द्रिय कमजोर पड़ जाती है. लोगों की सुनने और देखने की क्षमता कम हो जाती है. इस समय यमराज कहते हैं अब दुनिया की बातें सुनना छोड़कर आत्म चिंतन और मनन करो ताकि मुक्ति में परेशानी (death signs in hinduism) नहीं आए.
शरीर के अंगों का सही से काम न करना
चौथा संदेश ये होता है कि लोगों की कमर झुकने लगती है. शरीर अपना बोझ उठाने में असमर्थ हो जाता है और उसे सहारे की जरुरत पड़ने लगती है. यमराज समझाते हैं कि बाहरी सहारा लेने की बजाय अब ईश्वर का सहारा लो वही तुम्हें कर्मों के फल से उत्तम लोक में स्थान दिला सकते हैं. जो मनुष्य यमराज के इन चार संदेशों को नहीं समझता है वही व्यक्ति नर्क में जाकर यमराज से दंड (sign before death) पाता है.
जो भी अच्छे या बुरे कर्म किए हैं वे सारे कर्म लोगों की आंखों के सामने से इस प्रकार गुजरते हैं जैसे किसी फिल्म को आप उलटा देख रहे हों यानी जीवन के अंतिम कर्म से लेकर जन्म तक की सभी घटनाएं आंखों के सामने तैरती चली जाती है.
आत्मा जीवन की सभी घटनाओं को यानी कर्मों को अपने साथ लेकर शरीर को त्याग देती है और यमदूत व्यक्ति के अभौतिक शरीर को अपने साथ लेकर यमराज के दरबार की ओर ले जाते हैं.