Om Namah Shivay Mantra: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण मंत्र है, जिसे भगवान शिव की पूजा और ध्यान के साथ जपा जाता है. कहते हैं शिव के भक्त जब भी इस मंत्र का सच्चे दिल से उच्चारण करते हैं तो उनकी पुकार शिवजी तक तुरंत पहुंच जाती है. ऐसे लोगों को कभी कोई कष्ट नहीं होती. जीवन में आने वाली बाधाओं को वो आसानी से दूर कर लेते हैं. किसी बुरी शक्ति के साय में ये लोग नहीं फंसते. "ॐ नमः शिवाय" मंत्र किसने लिखा इस बारे में कोई उल्लेख नहीं है लेकिन ये मंत्र हमारे पुराणों और शास्त्रों में पाया जाता है और भगवान शिव के अराधना के लिए प्राचीन समय से इसी मंत्र का जाप किया जा रहा है. इस मंत्र का उपयोग आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है और यह हिंदू धर्म के भगवान शिव की पूजा और भक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस मंत्र का प्रयोग मुक्ति और आत्मा के परमात्मा के साथ एकता की ओर जाने के लिए किया जाता है.
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का अर्थ
- "ॐ" एक प्राणवायु, ब्रह्म, और उच्च परमात्मा का प्रतीक है.
- "नमः" का अर्थ है "नमन" या "समर्पण".
- "शिवाय" भगवान शिव के नाम का भक्तिपूर्ण उपयोग है.
इस मंत्र का अर्थ होता है, "मैं आत्मा को परमात्मा, भगवान शिव को समर्पित करता हूँ।"
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का महत्व
- इस मंत्र का जप शिव भक्ति में महत्वपूर्ण माना जाता है।
- यह मंत्र आत्मा की शुद्धि, ध्यान, और समर्पण का प्रतीक है और भक्तों को भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना दिलाता है।
- इस मंत्र का जाप भक्त को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति का अहसास कराता है।
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र जपने के नियम
- इस मंत्र का जप आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए, ताकि सही तरीके से जपा जा सके।
- साधक को सुखासन पर बैठना चाहिए, और मानसिक शुद्धि के लिए ध्यान करना चाहिए।
- इस मंत्र का जप जितनी भी संख्या में किया जा सकता है, लेकिन ध्यानपूर्वक और अर्पणभाव से करना चाहिए।
ध्यान और भक्ति के साथ "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करने से, व्यक्ति को आत्मा की ऊर्जा का अनुभव होता है और उसे आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होती है. तो आप भी अगर शिव भक्त हैं और इस मंत्र का जाप करते हैं तो आप इसके बारे में ये जरुरी बातें जानकर इसके महत्त्व को अच्छे से समझ चुके होंगे.
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Source : News Nation Bureau