इस बार रक्षाबंधन पर ऐसा योग बन रहा है, जो पिछले 50 सालों से नहीं बना. कमाल की बात ये है कि इस बार भद्रा भी नहीं है. इससे बहनों को राखी बांधने में सुकून रहेगा. 22 सितंबर को रक्षाबंधन का पावन पर्व है. पूरे साल बहनें राखी बांधने के लिए इस दिन का इंतजार करती हैं. भाई भी तमाम उपहार अपनी बहनों को देने के लिए पूरे साल प्लानिंग करते हैं. हर साल सावन महीने की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है. यह सावन का आखिरी दिन होता है. इस दिन महिलाएं अपने भाई की कलाई पर राखी बांधतीं और उन्हें टीका करती हैं. बदले में भाई भी हमेशा उनकी रक्षा के लिए तत्पर रहने का वचन देते हैं. कई बार भाई तमाम तरह के उपहार भी बहनों को देते हैं.
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हर वर्ष रक्षाबंधन के दिन भद्रा लगने के कारण बहनों को राखी बांधने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था. कौन से मुहूर्त में राखी बांध सकते हैं, कितने बजे नहीं बांध सकते, इस पर विचार करना पड़ता था लेकिन इस बार इस झंझट से मुक्ति मिल गई है. इस बार भद्रा नहीं लग रही है ऐसे में पूरे दिन किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है. हालांकि सबसे अच्छे मुहूर्त की बात करें तो ज्योतिषविदों के अनुसार 22 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शाम 4 बजकर 18 मिनट तक राखी बांधना सबसे शुभ होगा.
वहीं, खास बात ये भी है कि इस बार रक्षाबंधन पर सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बन रहे हैं. इसके पहले यह संयोग 1981 में बना था. यानी करीब 50 साल बाद यह योग एक साथ बन रहा है. इस कारण इस साल होने वाले रक्षाबंधन का महात्म्य बहुत बढ़ गया है. इस अद्भुत योग के कारण इस बार तमाम भाई-बहन बहुत उत्साहित हैं.
हालांकि, बहनें इस बात पर खास ध्यान दें कि सबसे पहले उठकर पूजन के बाद गणेश जी को राखी बांधें. इसके बाद अन्य देवताओं जैसे विष्णु भगवान, भगवान राम, श्रीकृष्ण, शिव या अन्य किसी इष्ट को राखी बांधे. इसके बाद ही अपने भाई को राखी बांधें. इस प्रकार राखी बांधना विशेष रूप से शुभ होता है.
इस बात का भी ध्यान रखें कि रक्षाबंधन का त्योहार कोरोना महामारी के बीच मनाया जा रहा है. ऐसे में बाजार जाने से बचना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए की घर पर ही मिठाई बनाएं. इससे त्योहार भी मनाया जा सकेगा और कोरोना से बचाव भी होगा.
HIGHLIGHTS
- सावन महीने की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है
- भाई राखी बंधवाकर बहनों को उपहार देते हैं
- इस बार बहुत ही खास मुहूर्त पड़ रहा है इस दिन