Chomukhi Diya: हिंदू धर्म में दीया जगाने का बहुत महत्त्व माना जाता है. चौमुखी दिया या चार मुखी दिए को जलाने के कई नियम हैं. इसे कब जलाना चाहिए, कैसे जलाते हैं और इससे क्या लाभ मिलते हैं ये हम आपको बता रहे हैं. किसी भी तरह की रोशनी करने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. ये रोशनी जब पूजा के साथ जुड़ी हो तो इससे कई तरह के धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ भी मिलते हैं. चार मुखी दियों का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है. चारों दिशाओं में रोशनी देने वाले दीपक के महत्त्व के बारे में जानते हैं.
चार मुखी दिए का महत्व
- चारों दिशाओं को रोशनी देना: चार मुखी दिया चारों दिशाओं (पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण) को समान रूप से रोशनी देता है, जिससे सभी दिशाओं में सुख और शांति का प्रतीक माना जाता है.
- चारों मुखों की प्रतीकता: चार मुखी दिया चारों मुखों और अंतरात्मा के चारों दिशाओं में बल, ज्ञान, भक्ति, और वैराग्य की दिशा में विकसित होने का संकेत होता है.
- पूजा और आराधना: ये दिए हिन्दू पूजा और आराधना के समय उपयोग किए जाते हैं और भगवान की प्राप्ति, शांति, और आत्मा के मोक्ष के लिए एक प्रतीक माने जाते हैं.
- हिन्दू धर्म में धार्मिकता, स्पिरिचुअलिटी, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.
- धार्मिक त्योहार: चार मुखी दिया धार्मिक त्योहारों जैसे दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, नवरात्रि, और अन्य धार्मिक उत्सवों के दौरान भी जलाए जा सकते हैं.
- साधना और मेधावी प्रयास: यदि आप ध्यान, योग, और आध्यात्मिक साधना कर रहे हैं, तो चार मुखी दिया भगवान की प्राप्ति और आत्मा के मोक्ष के लिए जला सकते हैं.
- सामान्य रूप से, इन दियों को ब्राह्मणों या पुजारियों के सुझाए गए विधियों के अनुसार जलाना चाहिए, जो धार्मिक प्रक्रियाओं के साथ जुड़े होते हैं।
धनतेरस के दिन चौमुखी दीया जगाने का महत्त्व
- धनतेरस के दिन शाम को मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान की पूजा करने के साथ यमराज की पूजा करने का विधान है
- इस दिन शाम के समय दक्षिण दिशा में एक चौमुखा दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपक कहते हैं.
- घर की सबसे बुजुर्ग महिला के हाथों इस चार मुखी दीपक को जलाया जाता है. दीपक जलाने के बाद महिला उल्टे पैर घर में आती हैं.
- ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि दीपक को पीठ दिखाकर नहीं आया जाता है. ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि इस चारमुखी दीपक को पूरी रात जलाया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)