Advertisment

Chaitra Navratri 2022 Maa Kushmanda Puja Vidhi and Katha: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की इस विधि से करेंगे पूजा और पढ़ेंगे व्रत कथा, बीमारियों से मिलेगी मुक्ति

चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) इस साल 2 अप्रैल से शुरू होंगे. नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा (maa kushmanda) को समर्पित होता है. तो, चलिए इस दिन की पूजा विधि और व्रत कथा के बारे में जान लें.

author-image
Megha Jain
New Update
Maa Kushmanda puja vidhi and katha

Maa Kushmanda puja vidhi and katha ( Photo Credit : social media)

Advertisment

चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) इस साल 2 अप्रैल से शुरू होंगे. नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा (maa kushmanda) को समर्पित होता है. मां कूष्मांडा देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं. माना जाता है कि मां कूष्मांडा ने ही सृष्टि की रचना की थी. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वो ब्रह्मांड के अस्तित्व में आने से पहले पैदा हुई थी. उन्होंने अपनी मुस्कान से सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रहों की रचना की. देवी के इस स्वरूप की आठ भुजाएं होती हैं. माता कूष्मांडा (mata kushmanda kahani) सिंह की सवारी करती हैं. उनके आठ हाथों में धनुष, तीर, कमंडल, कमल, त्रिशूल, चक्र और दूसरी जरूरी वस्तुओं के साथ चित्रित किया गया है. ऐसा माना जाता है कि जो लोग माता कुष्मांडा की पूजा करते हैं, उन्हें समृद्धि, अच्छी दृष्टि, मानसिक कष्टों और बीमारियों से मुक्ति मिलती है. तो, चलिए इस दिन की पूजा विधि और व्रत कथा के बारे में जान लें.     

यह भी पढ़े : Tulsi Plant Vastu Tips: घर में तुलसी के पौधे के पास न रखें ये सामान, बुरा समय हो जाता है शुरू

मां कूष्मांडा की पूजन विधि 
मां कूष्मांडा की पूजा करने के लिए सबसे पहले चौकी पर माता कूष्मांडा (kushmanda ki katha) की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें. फिर, गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें. चौकी पर कलश स्थापना करने के बाद वहीं पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका, सप्त घृत मातृका की स्थापना भी करें. इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक (maa kushmanda puja vidhi) एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां कूष्मांडा के साथ समस्त स्थापित देवताओं की पूजा करें. इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि वगैराह करें. फिर प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न (chaitra navratri katha day 4) करें.  

यह भी पढ़े : Papmochani Ekadashi 2022 Vrat and Puja Vidhi: पापमोचनी एकादशी की अपनाएं ये पूजा विधि और पढ़ें ये व्रत कथा, सभी पापों का होगा नाश

मां कूष्मांडा की व्रत कथा 
पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ा होता है. ऐसा कहा जाता है कि मां कूष्मांडा ने दैत्यों के अत्याचार से मुक्त कराने के लिए संसार में अवतार लिया था. इनका वाहन भी सिंह ही है. हिंदू संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए इस देवी को कुष्मांडा कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं (kushmanda mata ki katha) था तब देवी ने ही ब्रह्मांड की रचना की थी. इन्हें आदि स्वरूपा और आदिशक्ति भी कहा जाता है. माना जाता है कि इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में स्थित है. इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि (kushmanda katha) होती है. 

Maa Kushmanda Puja Vidhi Chaitra Navratri Puja Vidhi maa kushmanda katha Mata Kushmanda Chaitra Navratri 2022 mata kushmanda puja chaitra navratri katha day 4 kushmanda mata katha maa kushmanda vrat katha
Advertisment
Advertisment