सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही देवी-देवताओं की पूजा अलग-अलग रूपों (sheetala ashtami mantra) में करने का महत्व है. अर्थात देवी-देवता हर प्रकार के कष्टों से सदैव हमारी रक्षा करते हैं. ऐसा ही एक रूप मां पार्वती स्वरूपा मां शीतला देवी (Sheetala ashtami 2022) का भी है. जिनकी उपासना से अनेक संक्रामक रोगों से रोग मुक्त मिलती है. मां शीतला देवी की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को की जाती है. इस वर्ष यह त्योहार 25 मार्च, गुरूवार (sheetala ashtami 2022 date and time) को मनाया जाएगा. अगर आपको भी अपना शरीर निरोगी चाहिए तो, माता का ये आराधना मंत्र जरूर करें.
शीतला माता का उपासना मंत्र
स्कंद पुराण में वर्णित मां का यह पौराणिक मंत्र 'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः' भी प्राणियों को सभी संकटों से मुक्ति दिलाकर समाज में मान सम्मान पद एवं गरिमा की वृद्धि कराता (sheetla ashtami mantra jaap) है. जो भी भक्त शीतला मां की भक्तिभाव से आराधना करते हैं. मां उन पर अनुग्रह करती हुई उनके घर-परिवार की सभी विपत्तिओं से रक्षा करती हैं. मां का ध्यान करते हुए शास्त्र कहते हैं कि, 'वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम् || इसका अर्थ ये है कि - मैं गर्दभ पर विराजमान, दिगम्बरा, हाथ में झाडू तथा कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला (sheetala mata mantra) की वंदना करता हूं.
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इस वंदना मंत्र से ये पूरी तरह से स्पष्ट हो जाता है कि ये स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं. ऋषि-मुनि-योगी भी इनका स्तवन करते हुए कहते हैं कि ''शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः अर्थात- हे माँ शीतला ! आप ही इस संसार की आदि माता हैं, आप ही पिता हैं और आप ही इस चराचर जगत को धारण करतीं हैं अतः आप को बारम्बार नमस्कार (sheetla ashtami 2022 aardhana mantra) है.