Jagannath Mandir Ki Bhavishyavani: संत श्री अच्युतानंद दास एक ऐसा नाम जिन्हें लोग उनके द्वारा की गई भविष्यवाणियों के लिए जानते हैं, उनकी भविष्यवाणियों को पढ़कर ऐसा लगता है जैसे उन्होंने भविष्य को आज से कई साल पहले ही देख लिया था. वे भूत, भविष्य एवं वर्तमान में होने वाली घटनाओं को एक साथ देख सकते थे और अपनी इसी शक्ति और ज्ञान के बल पर उन्होंने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम भविष्य मालिका है. भविष्य मालिका पुस्तक के कई अलग अलग भाग हैं. ऐसा कहा जात है कि उनकी भविष्यवाणियां 100% सत्य हुई हैं और आगे भी सत्य होना निश्चित है. उन्होंने अपनी भविष्यवाणी में बताया कि कल्कि अवतार कब होगा, दुनिया के अंत के पहले क्या स्थिति होगी, दुनिया का अंत कैसा होगा, भारत का अंतिम राजा कैसा होगा, चीन की स्थिति क्या होगी, अमेरिका और रूस की स्थिति क्या होगी, भारत की क्या स्थिति होगी, तीसरा विश्व युद्ध कैसे लड़ा जाएगा और इसके बाद कैसे पुनः संसार का विनिर्माण होगा. इन सभी बातों पर उन्होंने बहुत सी महत्वपूर्ण भविष्यवाणी की है.
आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व पन्द्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी के बीच में उड़ीसा में वैष्णव समुदाय के एक बहुत ही महान संत अच्युतानंद महाराज जी हुए थे और उसी समय उनके समकालीन पांच और भी संत थे. इन सबको मिलाकर पंच सखा कहा जाता था.
जगन्नाथ पुरी को जोड़ने वाले एक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होगा, जबकि दोस्तों आज से 600 साल पहले नेशनल हैवे का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था. उड़ीसा का अंतिम राजा एक बालक वृद्ध होगा अर्थात ऐसा व्यक्ति जिसकी उम्र तो ज्यादा होगी लेकिन बालक बुद्धि होगा. पूरी के अंतिम राजा गजपति महाराज होंगे और अभी भी पुरी के राजा गजपति महाराज ही हैं. जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपर से पत्थर नीचे की ओर गिरने लगेंगे. मंदिर का ध्वज कई बार नीचे गिरेगा और मंदिर के अंदर खून दिखेगा. मंदिर में त्रिदेव अर्थात जहाँ मंदिर में तीन देवता स्थापित हैं उसके ऊपर जो वस्त्र लगा है, उसमें आग लग जाएगी. मंदिर के प्रशासन में कई प्रकार की कमियां सामने आएंगी और इस प्रकार की घटनाएं कई बार जगन्नाथ पूरी मंदिर में हो चुकी है. पत्थर नहीं गिरा, लेकिन ध्वज कई बार गिर चुका है और भी कई कमियां निकली है.
जब प्रलय आएगा तो जल स्तर इतना बढ़ जाएगा की जगन्नाथ पूरी की 22वीं सीढ़ी तक पानी भर जाएगा और जगन्नाथपुरी से भगवान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थापित किया जाएगा. अंत के पहले महंगाई अपने चरम पर होगी. खाने पीने की वस्तुएं दुर्लभ हो जाएंगी, खाने पीने की वस्तुओं के लिए लोग सड़कों पर दंगा करेंगे, रोज़ नई नई बीमारियां आएंगी और प्राकृतिक आपदाओं का अम्बर लग जाएगा. सरकार जनता पर नए प्रकार के टैक्स लगाएगी, जिसके कारण जनता में आक्रोश पनपेगा. इन परिस्थितियों से लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे. अफरा तफरी, लूटपाट, अव्यवस्था और पूरे समाज में अराजकता फैल जाएगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau