आचार्य चाणक्य ने अपने नीति (Chanakya Niti) शास्त्र में बताया है कि आदर्श जीवन कैसा होता है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि आदर्श जीवन कैसा होता है. यहां तक कि आदर्श जीवन को जीने के तरीके भी बताए हैं. चाणक्य की नीति कहती है कि अगर लोग अपने जीवन में कुछ खास काम न करें तो उनका जीवन व्यर्थ होता है. उन्होंने चाणक्य नीति (ethics and chanakya strategy) में ये भी बताया है कि किन स्थितियों में व्यक्ति धरती पर बोझ की तरह हो जाता है. यहां तक कि ऐसे लोगों का साथ दूसरों का जीवन भी बर्बाद कर देता है. तो, चलिए आपको उन लोगों के बारे में बताते हैं जिनका जीवन व्यर्थ (chanakya niti for motivation in hindi) होता है.
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पूजा-पाठ और दान न करने वाले लोग
ऐसे लोग जो भगवान की भक्ति नहीं करते और न ही कभी दान-पुण्य करते हैं. ऐसे लोगों का जीवन जीना बेकार होता है. लोगों को अपने इस जन्म और अगले जन्म को बेहतर बनाने के लिए भगवान की आराधना भी करनी चाहिए और जरूरतमंदों को दान भी (ethics and chanakya preparation) करना चाहिए.
अच्छा व्यवहार न करने वाले लोग
ऐसे लोग जिनका व्यवहार खराब होता है. जिनके काम उनकी और उनके परिवार की छवि खराब करते हैं. ऐसे लोग भी धरती पर बोझ के समान होते हैं. ऐसे लोग को हमेशा ऐसा आचरण करना चाहिए जो उन्हें और उनके परिवार (chanakya neeti) को सम्मान दिलाएं.
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ज्ञान न लेने वाले लोग
जो लोग ज्ञान अर्जित न करें, उनका जीवन जीना बेकार होता है. जीवन में जितना संभव हो उतना ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान लेने की कोशिश (chanakya wisdom) करनी चाहिए.