आचार्य चाणक्य (acharya chankaya) को धर्म, राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र आदि तमाम विषयों की गहन जानकारी थी. चाणक्य (chankaya niti) को श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माना जाता है. उनके द्वारा कई शास्त्रों की रचना भी की गई है. चाणक्य द्वारा कई शास्त्रों (Chanakya Niti for good life) की रचना भी की गई जो आज भी मानव के लिए उपयोगी हैं. उन्होंने अपनी नीतियों में काफी कुछ लिखा है. उनके द्वारा बताई गई हर एक नीति मनुष्य को जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं. यदि इन बातों पर गौर किया जाए, तो व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से बचा रह सकता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में ऐसी चीजों के बारे में बताया हैं जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर मार देती हैं. तो, चलिए जानते हैं वे कौन-सी बातें हैं.
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श्लोक -
कान्तावियोगः स्वजनापमानं ऋणस्य शेषं कुनृपस्य सेवा ।
दारिद्र्यभावाद्विमुखं च मित्रं विनाग्निना पञ्च दहन्ति कायम् ॥
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, पत्नी के वियोग के अलावा अपने ही लोगों से बेइज्जत होना, बचा हुआ ऋण, दुष्ट राजा की सेवा करना, गरीबी एवं दरिद्रों की सभा करना आदि अंदर से मर (chanakya niti about wife) जाने के बराबर है.
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उनके इस कथन के अनुसार, पत्नी के वियोग में लोग दुनियादारी की हर एक चीज को भूल जाते हैं. एक सुशील पत्नी, पति के साथ-साथ पूरे घर-परिवार का ध्यान भी रखती हैं. लेकिन, अगर पत्नी क्रोधी प्रवृत्ति की हैं तो, घर में कभी भी शांति नहीं रह सकती. ऐसे में पति अंदर ही अंदर जलता रहता है. इसी प्रकार से जब घर पर ही लोगों की इज्जत नहीं होती तो, उसके अंदर बहुत अधिक ग्लानि भरी होती हैं. जिसकी वजह से वो धीरे-धीरे (chanakya niti quotes) मरे हुए लोगों के समान हो जाता है.
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आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि बचा हुआ कर्ज भी लोगों को अंदर से मार देता है. वह उस कर्ज को चुकाने के लिए जहां एक ओर जी-तोड़ मेहनत करता है. वहीं दूसरी ओर उसे इस बात का हमेशा डर रहता हैं कि कहीं साहूकार आकर सभी के सामने पैसे न मांग लें. इसी तरह दुष्ट राजा की सेवा करना और गरीबी और दरिद्रता पर जीना भी हर किसी को अंदर से जलाकर (chanakya niti life lessons) रख देता है.