Advertisment

Trivikram Dwadashi 2022 Shubh Yog and Puja Vidhi: त्रिविक्रम द्वादशी पर इस योग में अपनाएं ये पूजा विधि, तीन गुना फल की होगी प्राप्ति

ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को त्रिविक्रम द्वादशी (trivakram dwadashi 2022) है. ये तिथि भगवान विष्णु (lord vishnu) को समर्पित होती है. कहा जाता है कि इस दिन शुभ योग में पूजा-पाठ करने से तीन गुना पुण्य फल मिलती है.

author-image
Megha Jain
New Update
Trivikram Dwadashi 2022 Date, Shubh Yog and Puja Vidhi

Trivikram Dwadashi 2022 Date, Shubh Yog and Puja Vidhi( Photo Credit : social media)

Advertisment

आज 11 जून को जहां एक तरफ गायत्री जयंती (gayatri jayanti 2022) मनाई जा रही है. वहीं ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को त्रिविक्रम द्वादशी (trivakram dwadashi 2022) भी है. ये तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इस दिन भगवान के वामन या त्रिविक्रम रूप (dwadashi worship lord vishnu) की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत रखने से शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही अनजाने में हुए पाप भी खत्म हो जाते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. कहा जाता है कि इस दिन शुभ योग में पूजा-पाठ करने से तीन गुना पुण्य फल मिलती है.  

यह भी पढ़े : Evening Puja Benefits: संध्या वंदन के बिना अपूर्ण मानी जाती है सुबह की पूजा, जानें महत्व और लाभ

त्रिस्पर्शा योग क्या है 
इस दिन सूर्योदय से कुछ मिनटों पहले एकादशी हो, फिर पूरे द्वादशी रहे और उसके बाद त्रयोदशी तिथि हो तो, ये त्रिस्पर्शा द्वादशी (trisparsh dwadashi 2022) कहलाती है. यानी कि एक ही दिन में तीनों तिथियां आने से ऐसा योग बनता है. इसलिए, इस दिन पूजा करने का महत्व बढ़ (trivakram dwadashi 2022 shubh yog) जाता है. 

यह भी पढ़े : Apshagun Ke Sanket (Mishappening Indications): आपके भी हाथ से गिर रही हैं ये चीजें बार बार, कहीं दे तो नहीं रहा भयंकर अपशकुन दस्तक आपके द्वार

त्रिविक्रम द्वादशी 2022 पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले तिल के पानी से स्नान करने का बहुत महत्व होता है. नहाने के बाद पीले या सफेद वस्त्र पहनकर पंचोपचार से भगवान विष्णु की पूजा करें.

इस दिन पूजा में पंचामृत के साथ ही शंख में दूध और जल मिलाकर भगवान का अभिषेक करने का विशेष विधान है. ऐसा करने से गोमेध यज्ञ करने जितना फल मिलता है. 

यह भी पढ़े : Nirjala Ekadashi 2022 Vrat Paran Samay and Vidhi: निर्जला एकादशी पर व्रत पारण करते वक्त कहीं आप भी तो नहीं करते ये गलतियां, जानें व्रत पारण समय और ये विशेष बातें

पूजा में भगवान विष्णु को धूप-दीप दिखाकर नैवेद्य लगाएं और पूजा के बाद व्रत-कथा सुनें. इसके बाद आरती करके प्रसाद को बांट दें.

इस द्वादशी का व्रत अगले दिन सूर्योदय के बाद खोलना चाहिए. व्रत खोलते समय चावल या इससे बनी दूसरी चीजें (trivakram dwadashi 2022 puja vidhi) खाने से बचें.   

trivakram dwadashi 2022 trivakram dwadashi 2022 date trivakram dwadashi 2022 puja vidhi trivakram dwadashi 2022 shubh yog trivakram dwadashi 2022 Trisparsha yog trivikram dwadashi worship lord vishnu trivikram dwadashi 2022 Ashwamedha Yagya virtue trivikr
Advertisment
Advertisment