आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) को अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र का जनक माना जाता है. उन्होंने अपने ज्ञान और नीतियों से इतिहास की धारा को ही बदल कर रख दिया. उन्होंने जीवन जीने के भी कई पहलुओं के बारे में बताया है. नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति (chanakya niti) में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख मिलता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र (niti shastra) में करियर, दोस्ती, दाम्पत्य जीवन, धन-संपत्ति और स्त्री से जुड़ी कई बातों का उल्लेख किया है. उनकी नीतियों का एक अद्भुत संग्रह भी है. जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना जब इसे लिखा गया था.
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आचार्य चाणक्य की नीतियों (friends niti) में इस बात का उल्लेख किया गया है कि प्रकृति का नियम है कि जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु तय है. पूरे जीवन काल में लोग अपने कर्मों का अच्छा-बुरा परिणाम खुद भोगते हैं. आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के संबंध को लेकर विस्तार से कई नीतियों का वर्णन किया है. जीवन की इस आपाधापी में आज के दौर में खुद के लिए दो पल निकालना भी मुश्किल है. जिंदगी में व्यक्ति के कई मित्र बनते हैं लेकिन कुछ ऐसे साथी होते हैं जो मरते दम तक साथ नहीं छोड़ते. आचार्य चाणक्य के अनुसार, कितनी ही कठिन परिस्थिति क्यों न हो ये तीन साथी हमेशा व्यक्ति के साथ साए (Ethics Of Chanakya) की तरह रहते हैं.
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धर्म -
धर्म मनुष्य का सच्चा साथी होता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, लोगों को हमेशा धर्म को धन से ऊपर रखना चाहिए. धर्म न सिर्फ जीते जी बल्कि मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का साथ निभाता है. धर्म मनुष्य को सदा सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. धर्म-कर्म के कार्य की वजह से ही मनुष्य को मरने के बाद भी याद किया जाता है. जो पुण्य का काम करते हैं वो मृत्यु के बाद भी लोगों को दिलों (religion) में अमर हो जाते हैं.
ज्ञान -
आचार्य चाणक्य ने अपने इस श्लोक में बताया है कि जिस इंसान के पास ज्ञान का हथियार हो वो किसी हालत में खुद को अकेला नहीं पाता. यहां तक कि विद्या से बड़ा कोई मित्र भी नहीं होता. एक अकेला व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी बुद्धि के बलबूते खुद को उससे बाहर निकाल लेता है. विद्या से ही सफलता हासिल होती है इसलिए ज्ञान जहां से मिले उसे अर्जित (knowledge) कर लेना चाहिए.
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औषधि -
लोगों को बीमारी से छुटकारा दिलाने में औषधि ही काम आती है. एक सच्चे दोस्त की भांति औषधि व्यक्ति को गंभीर रोग से निजात दिलाने में मददगार होती है. दवा साथ नहीं होगी तो स्वस्थ होना भी मुश्किल होता है. मृत्यु तक दवाई पूर्ण रूप से व्यक्ति का साथ देती है. औषधि की बदोलत ही स्वास्थ बेहतर (medicine) हो पाता है.