वरलक्ष्मी व्रत (varalaxmi vrat 2022) श्रावण शुक्ल के अंतिम शुक्रवार को मनाया जाता है. वरलक्ष्मी व्रत का दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी के लिए महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है. वरलक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं और देवी महालक्ष्मी के रूपों में से एक हैं. वरलक्ष्मी को दूधिया सागर से अवतरित (Varalakshmi Vrat 2022 puja) माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी का ये वरलक्ष्मी रूप वरदान देता है. साथ ही अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं को पूरा करता है. इसलिए देवी के इस रूप को वरलक्ष्मी यानी कि वरदान देने वाली देवी लक्ष्मी के नाम से जाना जाता है. तो, चलिए जानते हैं कि ये व्रत किस तिथि (varalaxmi vrat 2022 tyohar) को पड़ रहा है और इसका शुभ मुहूर्त क्या है.
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वरलक्ष्मी व्रत 2022 तिथि -
वरलक्ष्मी व्रत 12 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक श्रावण पूर्णिमा तिथि है. ये व्रत मुख्यत: सुहागन महिलाएं करती हैं. इस दिन प्रात: काल से सुबह 11:34 बजे तक सौभाग्य योग है. उसके बाद से शोभन योग शुरु हो जाएगा. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों (varalaxmi vrat 2022 date) के लिए शुभ हैं.
वरलक्ष्मी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त -
इस बार वरलक्ष्मी व्रत सावन मास की पूर्णिमा को पड़ रहा है. इस व्रत की पूजा के चार मुहूर्त होते हैं. आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी शुभ समय (varalaxmi vrat 2022 shubh muhurat) में पूजा कर सकते हैं.
प्रात: काल पूजा मुहूर्त: 06:14 बजे से 08:32 बजे तक
दोपहर पूजा मुहूर्त: 01:07 बजे से 03:26 बजे तक
शाम पूजा मुहूर्त: 07:12 बजे से रात 08:40 बजे तक
रात्रि पूजा मुहूर्त: 11:40 बजे से देर रात 01:35 बजे तक
इस बार वरलक्ष्मी व्रत के दिन दो संयोग एक साथ बनने से इसका महत्व और भी बड़ गया है. इस दिन सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक सौभाग्य योग है. उसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा. पूजा के हिसाब से शुभ समय सुबह 6 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 32 मिनट तक है. इसके बाद दोपहर में 1 बजकर 7 मिनट से 3 बजकर 26 मिनट तक और शाम 7 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 40 मिनट (varalaxmi vrat 2022 sanyog) तक है.