Advertisment

Vasudev Dwadashi 2022 Puja Vidhi: वासुदेव द्वादशी के दिन अपनाएंगे ये पूजा विधि, भक्तों की हर इच्छा होगा पूरी

हिंदू पंचांग के मुताबिक, वासुदेव द्वादशी व्रत (vasudev dwadashi 2022 vrat) चातुर्मास के दिन रखा जाता है. इस बार ये व्रत 10 जुलाई दिन रविवार को रखा जाएगा. वासुदेव द्वादशी के दिन, भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

author-image
Megha Jain
New Update
Vasudev Dwadashi 2022 Puja Vidhi

Vasudev Dwadashi 2022 Puja Vidhi( Photo Credit : social media )

सनातन धर्म में भगवान कृष्ण से जुड़े हर व्रत और त्योहार का अपना विशेष महत्व होता है. इन्हीं व्रत में से एक वासुदेव द्वादशी (Vasudev Dwadashi 2022) का व्रत है. जो प्रत्येक साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष (vasudev dwadashi 2022 vrat) की द्वादशी तिथि को रखा जाता है. इस व्रत को देवशयनी एकादशी के अगले दिन रखा जाता है. माना जाता है कि इस व्रत के साथ चातुर्मास (Vasudev Dwadashi 2022 tithi) की शुरुआत हो जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वासुदेव द्वादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा होती है. कहा जाता है कि इस व्रत को करने से भक्तों की इच्छा (vasudev dwadashi 2022 lord krishna) पूरी होती है. तो, चलिए जानते हैं कि इस व्रत को रखने की पूजा विधि क्या है.    

Advertisment

यह भी पढ़े : Chanakya Niti: जो लोग रहते हैं इसके भरोसे, वो चले जाते हैं बर्बादी के रास्ते

वासुदेव द्वादशी व्रत 2022 

हिंदू पंचांग के मुताबिक, वासुदेव द्वादशी व्रत (vasudev dwadashi 2022 vrat) चातुर्मास के दिन रखा जाता है. इस बार ये व्रत 10 जुलाई दिन रविवार को रखा जाएगा. कृष्ण भक्त इस दिन व्रत रखते हुए उनकी पूजा करेंगे तथा अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना करेंगे. 

Advertisment

यह भी पढ़े : Kissing In Dream Indication: सपने में किस करते देखना सिर्फ शुभ नहीं, हो सकते हैं ये नाकारात्मक संकेत भी

वासुदेव द्वादशी 2022 पूजा विधि

वासुदेव द्वादशी के दिन प्रातः काल उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर भगवान श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी को प्रणाम करते हुए व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसेक बाद उनकी पूजा शुरू की जाती है. पूजन सामग्री में फल, फूल, धूप, दीपक, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत से भगवान कृष्ण और माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं. पूजा के अंत में आरती की जाती है. फिर, पूरे दिन व्रत रखा जाता है. शाम के समय आरती करने के बाद फलाहार किया जाता है. अगले दिन पूजा करने के बाद सबसे पहले जरूरतमंदों को यथा शक्ति दान दें. इसके बाद भोजन ग्रहण (Vasudev Dwadashi 2022 puja vidhi) किया जाता है. 

Advertisment

Vasudev Dwadashi 2022 puja vidhi Vasudev Dwadashi 2022 lord krishna puja Vasudev Dwadashi Vasudev Dwadashi 2022 dos Vasudev Dwadashi 2022 date Vasudev Dwadashi 2022 katha Vasudev Dwadashi 2022 Vasudev Dwadashi 2022 vrat Vasudev Dwadashi 2022 shubh muhurat
Advertisment
Advertisment