हिंदू धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरूआत गणेश जी की पूजा-वंदना के साथ की जाती है. ऐसा करने से सभी कार्य निर्विघ्न रूप से पूरे होते हैं. पंचांग के अनुसार हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि गणेश जी (lord ganesh) को समर्पित होती है. वैशाख के महीने (Vaishakh month 2022) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इसे वरद चतुर्थी भी कहते हैं. इस समय वैशाख माह चल रहा है और इस महीने की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी 19 अप्रैल को थी. वहीं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी आने वाली है. वैशाख शुक्ल चतुर्थी तिथि (vinayak chaturthi 2022) को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा. हिंदू धर्म में गणेश जी को सभी संकटों को दूर करने वाला और विघ्नहर्ता माना जाता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि वैशाख माह में विनायक चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा.
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विनायक चतुर्थी 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 04 मई दिन बुधवार की सुबह 07 बजकर 32 मिनट से शुरु हो रही है, जो कि 05 मई दिन गुरुवार को सुबह 10 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर वैशाख माह की विनायक चतुर्थी व्रत 04 मई को रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखने से गणेश जी प्रसन्न होकर भक्तों के विघ्न हर लेते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं (Vinayak Chaturthi 2022 Date) पूर्ण करते हैं.
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विनायक चतुर्थी 2022 पूजा शुभ मुहूर्त
माना जाता है कि विनायक चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय करनी चाहिए. साल 2022 में 4 मई को यानी विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है. इस मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करना काफी शुभ होगा. सबसे खास बात ये है कि इस दिन बुधवार भी है और बुधवार को गणेश जी की पूजा करने का विधान (Vinayak Chaturthi 2022 Shubh Muhurat) है.
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विनायक चतुर्थी 2022 पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के पावन दिन पर सुबह-सुबह स्नानादि करके लाल या पीले कपड़े पहन लें. क्योंकि, ये रंग भगवान गणेश जी को बेहद पसंद है. अब पूजा स्थल पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. उसके बाद उनका जलाभिषेक करके उन्हें सिंदूर का तिलक करें. अब उन्हें दूर्वा, फल, फूल और मिष्ठान चढ़ाए और घी के दीपक जलाकर आरती करें. इस दिन भगवान विष्णु को दूर्वा जरूर चढ़ानी चाहिए क्योंकि उन्हें दूर्वा बहुत अधिक पसंद होती है. इसके साथ ही गणेश जी के मन्त्रों (Vinayak Chaturthi 2022 Pujan Vidhi) का जाप करें. अंत में प्रणाम कर प्रसाद वितरण करें और पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर अगले दिन पंचमी तिथि में व्रत का पारण करें. पारण के दिन सुबह पुनः भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें.