Krishna Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार ये त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा. श्रीकृष्ण का जन्म धरती पर पाप को खत्म करने के लिए हुआ था. उनकी बाल लीलाएं सभी को मंत्रमुग्ध कर लेती है. जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से भक्तों पर कृष्ण की विशेष कृपा बरसती है. इस दिन व्रत करने के भी अनेक लाभ शास्त्रों में बताए गए हैं. जन्माष्टमी का त्योहार आप सभी के जीवन में सुख-शांति लेकर आता है. ज्योतिष के अनुसार, अगर जन्माष्टमी के दिन कुछ चीजों को घर में लाया जाए तो बहुत शुभ माना जाता है. कुछ ऐसी चीजे हैं, जिन्हें अगर जन्माष्टमी के दिन घर लाए, तो ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव अच्छा होता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है. ऐसे में आइए जानते हैं इस जन्माष्टमी आपको कौन सी घर लानी चाहिए.
मोर पंख
मोर पंख श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है. इसे वे अपने मुकुट पर सजाते हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन घर मे मोर पंख लाना बहुत शुभ माना जाता है. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मकता आती है. मोर पंख से राहु और केतु जैसे ग्रह प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है.
बांसुरी
श्रीकृष्ण को बांसुरी भी बेहद प्रिय है. श्रीकृष्ण की बांसुरी प्रकृति में मिश्री घोल देती है और हर जगह सकारत्मक ऊर्जा प्रवाहित होने लगती है. इसलिए अगर जन्माष्टमी के दिन घर में बांसुरी लाई जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और सफलता आती है. इससे व्यक्ति का मनोबल भी बढ़ता है.
गाय-बछड़े
श्रीकृष्ण जब बाल अवस्था में थे तो गाय-बछड़े चराया करते थे. उन्हें गाय-बछड़े के साथ बहुत लगाव था. गाय और बछड़ा प्रेम और ममता का प्रतीक है. इसलिए जन्माष्टमी के दिन इनकी प्रतिमा घर पर लाई जाए, तो परिवार मे सुख शांति और समृद्धि आती है. गाय-बछड़े की प्रतिमा घर पर स्थापित करने से अनेक वास्तु दोष भी खत्म होते हैं.
वैजयंती माला
वैजयंती माला का हमारे शास्त्रों में बहुत महत्व माना जाता है. इस माला में स्वयं माता लक्ष्मी का वास होता है. श्रीकृष्ण नारायण अवतार है, इसलिए उन्हें वैजयंती माला बेहद प्रिय है. जन्माष्टमी के दिन अगर घर में वैजयंती माला लाई जाए, तो घर के ग्रह क्लेश खत्म होते हैं और सुख-शांति आती है. साथ ही माता लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और धन से जुड़ी समस्याएं खत्म होती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)