Lalbaugcha Raja 2024 First Look: मुंबई में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और इस बार भी लालबागचा राजा के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. हर साल की तरह इस साल भी भक्त लालबागचा राजा की पहली झलक पाने के लिए बेहद उत्सुक थे और आखिरकार उनकी यह मनोकामना पूरी हो गई है. लालबागचा राजा न केवल गणपति की एक प्रतिमा है, बल्कि यह मुंबई की संस्कृति, एकता और धार्मिक भावनाओं का प्रतीक भी है. गणेश चतुर्थी के दौरान यह भव्य प्रतिमा लाखों भक्तों की आस्था और प्रेम का केंद्र बनती है.
लालबागचा राजा का इतिहास 1934 से शुरू होता है जब लालबाग बाजार के स्थानीय मछुआरों और व्यापारियों ने इसकी स्थापना की थी. यह प्रतिमा कंबली परिवार के कारीगरों द्वारा तैयार की जाती है और इस बार भी कंबली आर्ट्स के प्रसिद्ध कलाकार रत्नाकर मधुसूदन कंबली ने इस भव्य मूर्ति को तराशा है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 18-20 फीट है और यह मूर्ति अपने अद्वितीय आकार और सौंदर्य के कारण विशेष रूप से पहचानी जाती है. लालबागचा राजा न केवल मुंबई बल्कि पूरे महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है.
#WATCH | First look of Mumbai's Lalbaugcha Raja unveiled ahead of Ganesh Chaturthi pic.twitter.com/rZ7G1QZ5zv
— ANI (@ANI) September 5, 2024
हर साल बढ़ता भक्तों का उत्साह
गणेश चतुर्थी के दौरान, लालबागचा राजा के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. लोग घंटों लंबी लाइन में खड़े रहकर इस भव्य प्रतिमा के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं. यह परंपरा स्वतंत्रता से पहले की है और समय के साथ यह और भी भव्य और लोकप्रिय होती गई है. लालबागचा राजा का पंडाल और उसकी सजावट भी अपने आप में आकर्षण का केंद्र होती है, जो मुंबई की विविधता और सांस्कृतिक एकता को दर्शाती है.
लालबागचा राजा श्रद्धा का केंद्र
लालबागचा राजा को देखने और उसकी पूजा करने के लिए लोग न केवल मुंबई से बल्कि देश के कोने-कोने से आते हैं. भक्तों के लिए यह एक धार्मिक उत्सव से कहीं बढ़कर है, यह एक ऐसा समय होता है जब वे अपने भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम प्रकट करते हैं. इस साल भी लालबागचा राजा 2024 की पहली झलक देखने के लिए भक्तों में जबरदस्त उत्साह है. इस मूर्ति के दर्शन मात्र से ही भक्तों के मन में शांति और संतोष की अनुभूति होती है. लालबागचा राजा न केवल गणेश चतुर्थी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह मुंबई के लोगों के लिए एक खास पहचान और गर्व का प्रतीक भी है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)