Last Sawan Somwar 2024: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने के आखिरी सोमवार को विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होता है. महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसा शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान शिव को समर्पित है और इसे जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है.
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लाभ
यह मंत्र दीर्घायु प्रदान करता है और मृत्यु के भय को दूर करता है. सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है और जीवन के सभी प्रकार के कष्टों को दूर करता है. इस मंत् जाप से मन को शांति मिलती है और तनाव दूर होता है. आध्यात्मिक विकास चाहते हैं तो सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जितना हो सके आप उतना जाप करें
महामृत्युंजय मंत्र का जाप कैसे करें?
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए आप सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शांत स्थान पर बैठें.भगवान शिव का ध्यान करते हुए शिवलिंग की स्थापना करें. इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करते समय मन को एकाग्र रखें. मंत्र इस प्रकार है: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्.." (Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushti-Vardhanam Urvarukamiva Bandhanan Mrityormukshiya Mamritat॥)
आप अपनी सुविधा के अनुसार मंत्र का जाप कर सकते हैं. 108 बार का जाप करना शुभ माना जाता है. मंत्र जाप के बाद भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें प्रसाद चढ़ाएं.
मंत्र का जाप विधि-विधान से करना चाहिए. जाप करते समय श्रद्धा और विश्वास रखें और मन को एकाग्र करके ही मंत्र का जाप करें. नियमित रूप से मंत्र का जाप करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं. आखिरी सावन सोमवार पर महामृत्युंजय मंत्र (mahamrityunjay mantra) का जाप करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं. यह मंत्र न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)