Advertisment

Solar Eclipse 2019: 26 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, 144 साल बाद बन रहा खास संयोग

इस सूर्य ग्रहण का कर्क और कुंभ राशि पर शुभ प्रभाव पड़ेगा जबकि बाकी राशियों के लिए कष्टकारी साबित हो सकता है.

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
Solar Eclipse 2019: 26 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, 144 साल बाद बन रहा खास संयोग

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण( Photo Credit : प्रतिकात्मक तस्वीर)

Advertisment

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर, 2019 को लगने जा रहा है जो वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा अर्थात पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा. इस सूर्य ग्रहण का असर सभी राशियों पर पड़ेगा. बताया जा रहा है कि इस सूर्य ग्रहण पर 144 साल बाद महासंयोग भी बन रहा है. ग्रहण धनु राशि में लगेगा जिसमें सूर्य के अलावा गुरु, शनि और चंद्रमा पहले से ही मौजूद है.

इस सूर्य ग्रहण का कर्क और कुंभ राशि पर शुभ प्रभाव पड़ेगा जबकि बाकी राशियों के लिए कष्टकारी साबित हो सकता है.

इससे पहले इस साल छह जनवरी और दो जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था. इससे पहले पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वार एक बयान में बताया गया कि भारत में सूर्योदय के बाद इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा.

यह भी पढ़ें: ठंड से थर्रथर्राया उत्तर प्रदेश, मंदिर में भगवानों को पहनाया ऊनी वस्त्र, ओढ़ाई गई रजाई

भारतीय मानक समय अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह आठ बजे आरंभ होगा जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी . सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनटर पर समाप्त होगी .

ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा. भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा. सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं.

यह भी पढ़ें: आखिर भगवान शिव शरीर पर क्यों लगाते हैं भस्म, जानें इसका महत्व और पूजा-विधि

वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी . आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा.

सूर्य का वलयाकार ग्रहण भूमध्य रेखा के निकट उत्तरी गोलार्ध में एक संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगा . वलयाकार पथ सऊदी अरब, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका के उत्तरी भाग, मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा एवं बोर्निओ से होकर गुजरेगा.

अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा . देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा.

solar eclipse date 26 December Solar Eclipse 2019 last solar eclipse 2019
Advertisment
Advertisment
Advertisment