स्वदेशी जागरण मंच (Swadeshi Jagran Manch) की केरल इकाई ने धार्मिक भावनाओं व विश्वासों के नाम पर गुणवत्ता नियंत्रण, प्रमाणन और विपणन पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग केंद्र सरकार से की है. यहां आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वदेशी जागरण मंच ने कहा, विभिन्न वर्गो के लिए उत्पादों का अलग-अलग प्रमाणीकरण किया जाना असंवैधानिक है.
स्वदेशी जागरण मंच, केरल के संयोजक और चार्टर्ड अकाउंटेंट रंजीत कार्तिकेयन ने बताया, जब इस्लामिक देशों में खाने-पीने की चीजें निर्यात की जाती हैं, उस वक्त हलाल होने का प्रमाणीकरण जरूरी है. अपने देश में चीजें हर किसी के लिए बराबर होंगी और अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो हम उसका अवश्य ही विरोध करेंगे.
मंच ने कहा कि इस विदेशी नीति को अपनाए जाने के चलते स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी करते वक्त भी लोगों के लिए तरह-तरह के प्रमाणीकरणों को देखना जरूरी हो जाएगा. कार्तिकेयन ने आगे कहा, कुछ विशेष खाद्य उत्पादों का विदेशी बनना स्वीकार्य नहीं है और साथ ही एक ही कानून के तहत बने खाद्य पदार्थो को धार्मिक प्राथमिकता देना उचित नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, ऐसा कहा जाता है कि मुसलमानों द्वारा गैर-मुस्लिम व्यक्ति के हाथ से तैयार किए गए भोजन का सेवन नहीं किया जाता है. इसे एक प्रकार से अस्पृश्यता के रूप में ही देखा जाना चाहिए और यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. हमने पहले ही केंद्र सरकार को इस पर अपना प्रस्ताव भेज दिया है.
Source : IANS