Learn These 4 Things From Dog: आचार्य चाणक्य को भारतीय राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है. उन्होंने अपनी नीतियों में ना केवल सफलता के मूलमंत्र का उल्लेख किया है बल्कि जीवन के हर पहलू पर बात की है. उन्होंने मनुष्य को जीवन की कई ऐसी गूढ़ बातें बताई है जिसे मानकर व्यक्ति जीवन में कभी भी मात नहीं खा सकता. वैसे तो चाणक्य ने अर्थशास्त्र के संबंध पर काफी कुछ लिखा है, लेकिन उन्होंने खुशहाल जीवन और उन्नति के बारें में भी कई बातें बताई हैं, जिनका पालन कर आप भी अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं. उन्हें बातों में एक है वो बात जिसमें उन्होंने कुत्ते से जुड़ी कुछ रोचक चीजें कही हैं. कुत्ते से काफी कुछ सीखा जा सकता है जो आपको लक्ष्य पाने के साथ-साथ समाज में मान-सम्मान दिला सकता है.
श्लोक
बह्वाशी स्वल्प सन्तुष्टः सुनिद्रा लघुचेतसः।
स्वामिभक्तश्च शूरश्च षडेते श्वानों गुणाः॥
आचार्य चाणक्य ने अपने इस स्लोक में कहा है 'अधिक भूखा होने पर भी थोड़े में ही संतोष कर लेना, गहरी नींद में होने पर भी सतर्क रहना, स्वामिभक्त होना और वीरता एक कुत्ते से ये चार गुण हर किसी को सीखने चाहिए.'
खाने-पीने संतोषी होना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुत्ते की तरह हमें खाने-पीने के मामले में संतोषी होना चाहिए. वो आगे कहते हैं कि स्वाद के पीछे भागता है और उसे तरह-तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है. वहीं कुत्ता उसे दिन भर में जितना भोजन मिल जाए उसी से संतुष्ट रहता है. वह इसके लिए न तो अपने मालिक से विरोध करता है और न ही अपने मालिक को काटता है या कार्य में लापरवाही करता है. अर्थात, आपके पास जो चीज है उसी पर संतोष करना चाहिए. कभी भी ज्यादा की अपेक्षा नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे आपको दुख ही मिलेगा.
गहरी नींद में भी सतर्क रहना
चाणक्य के मुताबिक जिस व्यक्ति को जीवन में कुछ करना है तो उसे कठिन परिश्रम करना होता है. इसके लिए सबसे अधिक आवश्यक है कि वह कम से कम सोए. हमेशा कुत्ते की तरह नींद लेना चाहिए. जरा सी आहट होने पर जिस तरह कुत्ते की नींद खुल जाती है. उसी तरह व्यक्ति की नींद होनी चाहिए. इससे वह जरूरत पड़ने पर तुरंत सतर्क हो सकता है.
स्वामिभक्त होना
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मनुष्य को कुत्ते की तरह स्वामिभक्त होना चाहिए यानी जिस तरह एक कुत्ता अपने मालिक के प्रति वफादार होता है. मालिक का दिया हुआ जितना भी मिलता है उसी को खाकर कुत्ता संतुष्ट रहता है और अपने मालिक के प्रति कभी भी वफादारी करना नहीं छोड़ता. इसी तरह व्यक्ति का स्वभाव होना चाहिए. इस स्वभाव को आत्मसात करने वाले व्यक्ति अवश्य ही सफल होते हैं. नौकरी करने पर अपनी संस्था के प्रति वफादार होना चाहिए. क्योंकि इसी तरह आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर खुशहाल जीवन जी सकते हैं.
विषम हालात में भी निडर रहना
व्यक्ति को कुत्ते से वीरता का गुण तो जरूर सीखना चाहिए. वह एक बहादुर जानवर होता है जो अपने मालिक को नुकसान पहुंचाने वाले के आगे खुद खड़ा हो जाता है और अपनी जान तक गंवा देता है. इसी तरह व्यक्ति को हमेशा निडर होना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिए.
चाणक्य शास्त्र के मुताबिक अगर कुत्ते की इन बातों पर अमल किया जाए तो व्यक्ति का जीवन अवश्य ही सुखमय और सम्मानजनक व्यतीत होता है. कहने के लिए तो कुत्ता एक जानवर है लेकिन वह भी अपने क्रियाकलापों से अपने आप को विशेष बनाता है. अगर कुत्ते के विशेष गुणों पर अमल किया जाए तो अवश्य ही व्यक्ति अपनी पहचान बनाने में सफल होगा.