सदियों से भारत वर्ष में चमत्कारों का बोलबाला रहा है, और समय-समय पर इस धरती पर देवी-देवताओं ने अवतार लेकर अपने चमत्कारों के माध्यम से अपने भक्तों के दुःख दूर किए है. वहीं इस सदी में भी चमत्कार समय-समय पर होते रहे हैं, जो इतिहास के पन्ने पर दर्ज होते रहे है. चाहे वह सम्पूर्ण भारत में गणेश जी द्वारा दूध पीने का चमत्कार हो या सूली पर लटके इशा मसीह की आंखों में से गिरते आंशुओ का चमत्कार. लोगों ने इन चमत्कारों को देखकर देवी-देवताओं की इस धरती पर होने की अनुभूति हमेशा ही महसूस की है. ठीक इसी प्रकार कोटा के बोरखेडा पुलिया के समीप बनी पुलिस लाइन में स्थित दरगाह भी एक अद्धभुत चमत्कार का केंद्र बनी हुई है, जहां चमत्कार दिखाती है पत्थर की बनी लोढ़ीयां.
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कोटा के बोरखेडा में स्थित बाबा की दरगाह पर लोगों की श्रृद्धा का अटूट विश्वास देखा गया. दरगाह पर लोग अपनी-अपनी मन्नतें मांगने के लिए दूर-दराज से यहां पर आते हैं, और दरगाह पर रखी हुई गोल-गोल पत्थर की लोढ़ियों पर बैठकर अपनी मन्नत के लिए बाबा से अपने मन में ही दुआ करते हैं. अगर बाबा उसकी मन्नत जल्द ही पूरी करेंगे तो श्रृद्धालु की लोढ़ी काफी तेज गति से सीधी तरफ घूमने लगती है और यदि बाबा उसकी लोढ़ी दाई तरफ घुमाते हैं, तो उसकी मन्नत में कुछ समय लगने की उम्मीद हो जाती है. अगर किसी की लोढ़ी घुमती ही नहीं है तो इसका सीधा-सीधा अर्थ है कि बाबा उसकी मन्नत अभी पूरी नहीं करेंगे और उसको अभी कई बार बाबा के दर पर हाजरी देनी होगी और इसी कारण से बाबा की दरगाह को लोढ़ी वाले बाबा की दरगाह के नाम से जाना जाता है.
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इस तरह के चमत्कार से जहां लोगो में एक अटूट विश्वास है और जिन लोगों को इस दरगाह के चमत्कार का पता चलता है, तो वह अपने परिवारजनों और रिश्तेदारों को बताता है, और इसी चमत्कार को देखने के लिए सभी धर्मों के लोग दूरदराज से अपनी-अपनी मन्नतों को लेकर बाबा की दरगाह पर हाजरी लगाते हैं. कुछ लोग तो अपनी मुरादों के पूर्ण होने के बाद भी किसी-न-किसी को लेकर अवश्य बाबा की दरगाह पर लोढ़ी द्वारा हो रहे चमत्कार को देखने व मन्नतें पूरी होने की आस लेकर दरगाह में पहुंचते हैं.
जहां इस तरह के चमत्कार से लोगों की मुरादें पूरी होती है, वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जो इस चमत्कार के लिए आते तो है लेकिन लोढ़ी पर बैठकर अपनी मुराद जब वह मांगतें है, और जब उनकी लोढ़ी नहीं घुमती है तो काफी निराशा से भरे हुए नजर आते हैं. लेकिन इस चमत्कार को देखते हुए दरगाह ने अपना एक विशेष स्थान कायम कर लिया है जो एक आकर्षण का केंद्र बनती जा रही है.
Source : नियाज मोहम्मद