Advertisment

भगवान जगन्नाथ है बीमार, चढ़ रहा काढ़ा, भक्त भी पीते है ताकि रहे साल भर स्वस्थ

भगवान जगन्ननाथ भी बीमार पड़ जाते हैं, 15 दिनों तक काढ़े का भोग लगाकर उन्हें स्वस्थ किया जाता है. इसे प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है. 

author-image
Mohit Saxena
New Update
lord jagannath

lord jagannath( Photo Credit : social media)

Advertisment

जगत का पालन और पोषण करने वाले भगवान जगन्नाथ भी बीमार पड़ते हैं. जी हां यह सुनने में आपको अटपटा सा लगे, लेकिन ये होता है. इस दौरान भगवान को आयुर्वेदिक काढ़े का भोग लगाया जाता है. इसके बाद बाद प्रभु पन्द्रह दिनों बाद स्वस्थ होते हैं. इस काढ़े को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है और मान्यता है की जो इस काढ़े को पी लेने से कोई भी साल भर स्वस्थ रहता है. उसे कोई बीमारी नहीं होती. भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलदाऊ भक्तों द्वारा अधिक स्नान कराने से पन्द्रह दिनों तक भगवान जब बीमार पड़ते हैं, तब उन्हें काढ़ा चढ़ाया जाता है, ताकि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं और पन्द्रह दिन के बाद उन्हें स्वास्थ लाभ के लिए परवल का काढ़ा भी भोग में दिया जाता है. इस तरह से भगवान स्वास्थ हो जाते है और इस काढ़े को प्रसाद के रूप में लोगों में भी बांटा जाता है. मान्यता है की इस काढ़े को जो पीता है उसके असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं और हमेशा व्यक्ति स्वास्थ रहता है.

तीन सौ सालों से वाराणसी के लोग इस परम्परा को बखूबी निभाते चले आ रहे हैं. लोगों का ऐसा विश्वास है की इस काढे के सेवन से इंसान के शारीरिक ही नहीं मानसिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं! और ऐसे भक्तों की कोई  कमी नहीं जो यहां आना अपना सौभाग्य समझते हैं! भक्तों का कहना है की ईश्वर के इस काढ़े को पाना सौभाग्य की बात है. इसे हम अपने परिवार में भी ले जाते हैं और सभी को पिलाते हैं ताकि हम सभी निरोग्य रहें. 

200 साल से अधिक वर्षों से निभाई जा रही परंपरा 

मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडेय का कहना है कि 200 साल से अधिक वक्त से यह परंपरा निभाई जा रही है. भगवान जगन्नाथ को आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा तिथि से 15 दिनों तक के लिए परवल के काढ़े का भोग लगाया जाता है.  इस काढ़े को तुलसी, लौंग, इलाइची, मरीच, दालचीनी और सौंफ समेत कई जड़ी बूटियों और मसाले के प्रयोग से तैयार की जाती है. 

सेहत के लिए रामबाण 

इस तैयार करने के साथ इसे गुपचुप तरिके से भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जाता है. इसके बाद प्रसाद की तरह भक्तों में ​बांटा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त इस काढ़े का भोग लगाता है, उसे पूरे वर्ष रोग से मुक्ति मिल जाती है. 

Source : News Nation Bureau

jagannath yatra 2024 jagannath yatra 2024 date jagannath yatra interesting story why lord jagannath get sick भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा
Advertisment
Advertisment