Shani Dev: हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय और कर्म के देवता माना जाता है. शनि ग्रह के प्रतिनिधि के रूप में, वे व्यक्ति के कर्मों के आधार पर न्यायपूर्ण दंड और पुरस्कार देने में विश्वास रखते हैं. शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग विशेष पूजा-अर्चना और उपवास करते हैं. इस प्रक्रिया में शमी और पीपल के पौधे विशेष महत्व रखते हैं. आइए जानते हैं कि कैसे शनि देव की पूजा में इन पौधों का योगदान होता है और इन्हें प्रसन्न करके जीवन में संतुलन और समृद्धि लाई जा सकती है.
शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोग शनिवार के दिन व्रत रखते हैं और उपवास करते हैं. इस दिन काले वस्त्र पहनने, काले तिल, उड़द की दाल और तेल का दान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं. शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए पीपल और शमी के पौधों की पूजा भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इन पौधों की देखभाल और पूजा करने से शनि दोष कम होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
1. शमी का पौधा
शमी का पौधा शनि देव को बहुत प्रिय है और इसे उनकी पूजा में विशेष स्थान प्राप्त है. शनिवार के दिन शमी के पौधे की पूजा करने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है. शमी का पौधा लगाने और उसकी पूजा करने से जीवन की कठिनाइयों में कमी आती है और स्थिरता व समृद्धि प्राप्त होती है. मान्यता है कि शमी के पौधे के नीचे दीपक जलाने ले और उसकी नियमित देखभाल करने से भी शनि देव की विशेष कृपा बरसती है.
2. पीपल का पेड़
शनि देव को पीपल का पेड़ भी बहुत प्रिय है. इसे शनि देव की पूजा में अत्यधिक महत्व दिया जाता है. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष को कम किया जा सकता है. इस पेड़ के नीचे बैठना, उसे जल अर्पित करना, और दीपक जलाना शनि देव की कृपा प्राप्त करने के अन्य प्रभावी उपाय हैं. पीपल के पेड़ की छांव में समय बिताना भी शनि देव की अनुकंपा प्राप्त करने का एक सरल तरीका है.
आपको बता दें कि शनि देव की पूजा में शमी और पीपल के पौधों का विशेष महत्व है. इनके माध्यम से शनि देव को प्रसन्न करना आसान हो सकता है और जीवन में आने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है. शनि देव की कृपा से जीवन में संतुलन और समृद्धि प्राप्त होती है. इसलिए, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शमी और पीपल के पौधों की पूजा जरूर करना चाहिए. इससे शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)