अयोध्या (Ayodhya) में आज 5 अगस्त को राम मंदिर (Lord Ram) का शिलान्यास हो गया है. हिन्दू धर्मावलंबी श्रीराम को अपना आराध्य मानते हैं. मान्यता है कि त्रेया युग में अयोध्या में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. सूर्य वंश में जन्मे भगवान राम को भगवान विष्णु का 7वां अवतार माना जाता है. आइए जानते हैं भगवान राम की वंशावली के बारे में:
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भगवान श्रीराम की वंशावली ब्रह्माजी से शुरू होती है. ब्रह्माजी से मरीचि पैदा हुए और उनके बेटे कश्यप हुए. कश्यप के पुत्र विवस्वान के बाद से सूर्यवंश का आरंभ माना जाता है. विवस्वान से पुत्र वैवस्वत मनु पैदा हुए. वैवस्वत मनु के 10 पुत्र इल, इक्ष्वाकु, कुशनाम (नाभाग), अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यन्त, करुष, महाबली, शर्याति और पृषध पैदा हुए. वैवस्वत मनु के दूसरे पुत्र इक्ष्वाकु के कुल में भगवान राम का जन्म हुआ था.
इक्ष्वाकु वंश की परंपरा धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई, जिसमें हरिश्चन्द्र रोहित, वृष, बाहु और सगर पैदा हुए. इक्ष्वाकु के समय में ही अयोध्या नगरी की स्थापना हुई थी. इक्ष्वाकु कौशल देश के राजा थे और राजधानी साकेत हुआ करती थी, जिसे अयोध्या में कहा जाता है. गुरु वशिष्ठ ने रामायण में राम के कुल का विस्तार से वर्णन किया है.
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इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए और उनके पुत्र विकुक्षि संतान बाण हुई, जिनसे अनरण्य पैदा हुए. अनरण्य से पृथु और पृथु से त्रिशंकु पैदा हुए. त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार और उनके पुत्र का नाम युवनाश्व था. युवनाश्व के पुत्र मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ, जिनसे दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि और प्रसेनजित. ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए, जिनके बेटे असित से सगर का जन्म हुआ.
सगर की गिनती अयोध्या के पराक्रमी राजाओं में होती थी. सगर के पुत्र असमंज और उनके बेटे अंशुमान हुए. अंशुमान के बेटे दिलीप और उनके बेटे भगीरथ अपनी तपस्या के बल पर मां गंगा को पृथ्वी पर लाने में सफल हुए थे. भगीरथ के पुत्र ककुत्स्थ से रघु का जन्म हुआ. उन्हीं के नाम पर रघुकुल विख्यात हुआ.
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रघु बहुत ही पराक्रमी और ओजस्वी राजा थे, जिनसे प्रवृद्ध पैदा हुए. बाद में इसी कुल में नाभाग पैदा हुए और फिर अज का जन्म हुआ. अज के बेटे दशरथ हुए और दशरथ के चार बेटे भगवान राम, भरत, लक्ष्मण और शुत्रुघ्न पैदा हुए. इस प्रकार भगवान राम का जन्म ब्रह्राजी की 67वीं पीढ़ी में हुआ था.
Source : News Nation Bureau