Lunar Eclipse (Chandra Grahan) 2022 Remedies: इस साल का पहला चंद्र ग्रहण सोमवार, 16 मई को लगने जा रहा है. इससे पहले 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था. सूर्य ग्रहण के महज 15 दिन बाद ही चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. हालांकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा लेकिन इसका प्रभाव उतना ही रहेगा जितना कि भारत में दिखने वाले ग्रहण का होता है. ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण में अलग महत्व होता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण में ग्रहण का लगना भौगोलिक घटना माना जाता है तो वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से इसे अशुभ माना जाता है. ग्रहण के दौरान कई नकारात्मक ऊर्जा प्रबल हो जाती हैँ. इसलिए इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपायों को करने की जरूरत पड़ती है, जिससे कि ग्रहण का बुरा प्रभाव व्यक्ति पर ना पड़े. ऐसे में ग्रहण के दौरान आप कुछ खास उपायों को अपनाकर खुद को और अपने परिवार को नकारात्मकता और ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं.
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इन उपायों से कम होते हैं ग्रहण के प्रभाव
- चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए. गुरु ग्रह के बीज मंत्र 'ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:' का जाप फलदायी होता है.
- ग्रहण के दौरान महामृत्युंजे मंत्र का जाप करना भी फलदायी होता है.
- ग्रहण के दौरान मुंह में तुलसी का पत्ता रखना चाहिए. इससे भी ग्रहण का दुष्प्रभाव व्यक्ति पर नहीं पड़ा.
- ग्रहण लगने से पहले और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए.
- ग्रहण सामप्त होने के बाद किसी जरूरतमंद को दान जरूर करें.
- ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल से पूरे घर का शुद्धिकरण जरूर करें.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण
साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन लग रहा है. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जोकि भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. लेकिन ग्रहण के दौरान कई नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है. इसलिए धार्मिक और ज्योतिष द़ष्टिकोण से इसे शुभ नहीं माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है.