सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल इस साल दुनिया भर के खगोल प्रेमियों को दो सूर्यग्रहणों और चार चंद्रग्रहणों समेत ग्रहण के छह रोमांचक दृश्य दिखाएगी. हालांकि, भारत में इनमें से केवल तीन खगोलीय घटनाओं के नजर आने की उम्मीद है. उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस वर्ष ग्रहणों की खगोलीय घटनाओं का सिलसिला शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात लगने वाले उपच्छाया चंद्रग्रहण से शुरू होगा.
डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने बताया कि नववर्ष का यह पहला ग्रहण भारत में दिखायी देगा. भारतीय समय के अनुसार इसकी शुरुआत शुक्रवार रात 10:36:00 बजे होगी और यह रात 02:44:04 बजे खत्म होगा. उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा "पेनुम्ब्रा" (धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है. इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है.
गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के हवाले से बताया कि इस साल पांच और छह जून की दरम्यानी रात दूसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेगा. यह ग्रहण भी भारत में दिखायी देगा. तकरीबन दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि 21 जून को लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण को भी भारत में देखा जा सकेगा. इसके बाद पांच जुलाई और 30 नवंबर को सिलसिलेवार तौर पर दो उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेंगे.
हालांकि, दोनों ग्रहण भारत में नहीं देखे जा सकेंगे, क्योंकि दोनों खगोलीय घटनाएं जब होंगी उस वक्त भारत में दिन होगा. गुप्त ने बताया कि साल का छठा और आखिरी ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में 14 दिसंबर को लगेगा. यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा क्योंकि उस वक्त देश में रात होगी। वर्ष 2019 में दुनिया के अलग-अलग इलाकों में तीन सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण नजर आये थे.
Source : Bhasha