Maa Durga ke 9 Swaroop ki Kahani: नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. नवरात्रि' का अर्थ है 'नौ रातें', जिनमें भक्त माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. यह विशेष पर्व भक्तों को शक्ति, साहस, भक्ति और समृद्धि का अनुभव कराने का एक सुनहरा अवसर है. नवरात्रि के दौरान देवी के हर स्वरूप की पूजा से अलग-अलग लाभ और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे नवरात्रि के नौ दिनों में कौन-कौन से देवी स्वरूपों की पूजा होती है और उनके महत्व क्या हैं.
1. शैलपुत्री माता
शैलपुत्री माता दुर्गा का पहला स्वरूप हैं, जिनका अर्थ है 'पर्वत की पुत्री'. ये हिमालय की पुत्री हैं और उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में कमल होता है. इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता, शक्ति और साहस मिलता है. भक्तों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में लाभ मिलता है और जीवन के संकटों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है.
2. माता ब्रह्मचारिणी
माता ब्रह्मचारिणी दुर्गा का दूसरा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा 4 अक्टूबर को होगी. उनका नाम ब्रह्मचारी शब्द से आया है, जिसका अर्थ है 'तपस्विनी' या 'धर्म का पालन करने वाली'. इनकी पूजा से आत्मनियंत्रण, धैर्य और दृढ़ संकल्प का विकास होता है. यह स्वरूप भक्तों को कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति देता है.
3. माता चंद्रघंटा
चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा रूप हैं, जिनकी पूजा 5 अक्टूबर को की जाएगी. उनके माथे पर अर्धचंद्र है और वह सिंह पर सवार होती हैं. चंद्रघंटा माता के इस रूप की पूजा करने से साहस, आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है. यह स्वरूप बुराई से रक्षा करने के लिए जाना जाता है और इससे भय, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
4. माता कूष्मांडा
माता कूष्मांडा 'ब्रह्मांड की रचनाकार' हैं. इनकी पूजा 6 अक्टूबर को होगी. उनके आठ हाथों में विभिन्न अस्त्र होते हैं. कूष्मांडा माता की पूजा से जीवन में समृद्धि, ऊर्जा और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. यह स्वरूप आंतरिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे जीवन में आशा और उल्लास बना रहता है.
5. माता स्कंदमाता
माता स्कंदमाता का पूजन 7 अक्टूबर को होगा. यह भगवान कार्तिकेय की माता हैं. स्कंदमाता की पूजा से परिवार और संतान की रक्षा का आशीर्वाद मिलता है. यह स्वरूप पारिवारिक सुख, संतान प्राप्ति और संतान की सुरक्षा का आशीर्वाद देता है, साथ ही भक्तों को बौद्धिक और आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करता है.
6. माता कात्यायनी
कात्यायनी माता का पूजन 8 अक्टूबर को होगा. ये ऋषि कात्यायन की तपस्या से उत्पन्न हुई थीं. इनकी पूजा से साहस और बल मिलता है. अविवाहित लड़कियां माता का पूजन अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं. कात्यायनी माता की पूजा से विवाह संबंधी परेशानियों का समाधान होता है.
7. माता कालरात्रि
कालरात्रि देवी दुर्गा का सातवां रूप हैं. इस दिन सभी प्रकार के भय और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है. यह स्वरूप शत्रुओं के नाश के लिए जाना जाता है और माता का पूजन करने से भक्तों को आत्मविश्वास और साहस प्राप्त होता है.
8. माता महागौरी
महागौरी माता दुर्गा का आठवां रूप हैं, जिनकी पूजा 10 अक्टूबर को होगी. इस स्वरूप से भक्तों को पवित्रता, शांति और करुणा का आशीर्वाद मिलता है. यह स्वरूप जीवन में शांति और सौंदर्य का प्रतीक है, और इससे पिछले सभी पाप धुल जाते हैं.
9. माता सिद्धिदात्री
सिद्धिदात्री देवी दुर्गा का नौवां और अंतिम रूप हैं. उनके पूजन से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. यह स्वरूप ज्ञान और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है और सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति करता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)