Advertisment

Maa Kaali: मां काली के इस पावन रूप को नहीं पूजते लोग, मंदिरों तक पहुंची तस्वीरों की आधुनिकता

Maa Kaali: मां काली को सबसे ज्‍यादा पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों, बिहार, असम, ओडिशा और बांग्लादेश में पूजा जाता है. तांत्रिक भी शक्तियां पाने के लिए मां काली की पूजा करते हैं.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
Maa Kaali

मां काली के इस पावन रूप को नहीं पूजते लोग( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Maa Kaali: इस समय मां काली को लेकर हर जगह चर्चा छिड़ी हुई है, ऐसे में सभी के मन में मां काली, उनके रूप, उनकी पूजा-उपासकों, मंदिरों को लेकर काफी जिज्ञासा है. धर्म-शास्‍त्रों की मानें तो मां काली, मां पार्वती और मां सीता का रौद्र या क्रोधित रूप हैं. वे भगवान शिव के रुद्रावतार महाकाल की पत्‍नी हैं. असल में मां काली और महाकाल दोनों ही निराकार रूप में हैं और उनके पिंडी रूप की पूजा की जाती है लेकिन आधुनिक युग में मां काली को रूप-रंग दे दिया गया और अब उनके इसी रूप की पूजा अधिकांश मंदिरों में की जाती है. हालांकि मां काली के प्राचीन मंदिरों में मूर्ति नहीं पिंडी रूप ही पूजे जाते हैं. 

यह भी पढ़ें: Giving These Things On Palm Inauspicious: हथेली पर इन चीजों को देना है गलत हरकत, बर्बाद हो जाता है जीवन और चली जाती है घर की बरकत

तामसिक देवी हैं मां काली 
मां काली, भैरव और भगवान शिव को तामसिक देव कहा जाता है. इसमें मां काली की उत्पत्ति धर्म की रक्षा करने और असुरों का विनाश करने के लिए हुई. मां काली ने कई राक्षसों का वध किया, जैसे महिषासुर, चंड और मुंड, धम्राक्ष, रक्तबीज आदि राक्षस. चूंकि मां काली तामसिक देव हैं और उनके उपासकों में प्रमुख तौर पर आदिवासी लोग रहे हैं, लिहाजा उन्‍हें मांस, मछली, मदिरा और मुद्रा (भुना हुआ अनाज) का चढ़ावा चढ़ाने की परंपरा रही है क्‍योंकि आमतौर पर आदिवासी खेती नहीं करते थे, बल्कि शिकार करते थे. मां काली को नवरात्रि आदि में बलि देने की पृथा भी आदिवासियों में ही ज्‍यादा प्रचलित है. 

इन राज्‍यों में पूजी जाती हैं मां काली 
मां काली को सबसे ज्‍यादा पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों, बिहार, असम, ओडिशा और बांग्लादेश में पूजा जाता है. तांत्रिक भी शक्तियां पाने के लिए मां काली की पूजा करते हैं. तंत्र ग्रंथों की बात करें तो इनमें काली के 9 रूपों का वर्णन मिलता है. ये हैं काली, दक्षिणाकाली, उग्रकाली, श्मशान काली, कामकलाकाली, कंकाली, रक्त काली, श्यामाकाली और वामा काली. इसके अलावा दशमहाविद्याओं में पहली महाविद्या भी काली ही हैं. 

यह भी पढ़ें: Day Wise Eating For Grah Shanti: हर दिन के हिसाब से न खाएं ये चीजें, तो ग्रह होंगे शांत और दूर भागेंगी मुश्किलें

सबसे ज्‍यादा प्रचलित है मां काली का ये रूप 
मां काली के पैरों के नीचे शिव जी का रूप सबसे ज्‍यादा प्रचलित है. रक्‍तबीज राक्षस का वध करने के लिए जब मां पार्वती ने मां काली का रूप रखा तो युद्ध के दौरान मां काली ने रक्‍तबीज का वध कर दिया. लेकिन राक्षस के वध के बाद भी मां पार्वती का गुस्‍सा शांत नहीं हो रहा था, तब देवताओं के आह्वाहन पर शिव जी उन्‍हें रोकने के लिए नीचे लेट गए और मां काली ने उन पर अपना पैर रख दिया. इसके बाद मां काली शांत हुईं. कई मंदिरों में मां काली और भगवान शिव का यह रूप देखने को मिलता है. 

Bhagwan Shiv maa Kaali latest controversy maa kaali controversial poster Maa Kaali maa Kaali interesting facts kaali director Leena Manimekalai maa parvati
Advertisment
Advertisment