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Maa Kali Puja on Amavasya: अमावस्या के दिन क्यों होती है काली मां की पूजा, जानें महत्व और उपाय 

Maa Kali Puja on Amavasya: अमावस्या के दिन मां काली की पूजा करने का महत्व होता है लेकिन क्यों इस दिन को मां काली की पूजा के लिए खास माना जाता है और इस दिन क्या उपाय करने से धनलाभ होता है आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Maa Kali Puja on Amavasya

Maa Kali Puja on Amavasya( Photo Credit : news nation)

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Maa Kali Puja on Amavasya:  हिन्दू धर्म में  मां काली की पूजा को अमावस्या के दिन करने के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व हैं. ऐसा माना जाता है कि मां काली की पूजा तांत्रिक साधना के लिए मुख्य रूप से की जाती है और अमावस्या का दिन इस पूजा के लिए बहुत ही खास माना जाता है. तांत्रिक दृष्टिकोण से, अमावस्या का समय अध्यात्मिक साधना के लिए अच्छा माना जाता है. मां काली का स्वरूप भयंकर और उग्र होता है, और वह अध्यात्मिक लड़ाई और दुर्गति का नाश करने की शक्ति का प्रतीक है. इसलिए, अमावस्या का समय इस उग्र रूप की पूजा के लिए शास्त्रों में सबसे उपयुक्त बताया गया है. अमावस्या के दिन कहा जाता है कि प्राकृतिक ऊर्जा अधिक होती है और देवी काली की पूजा से इस ऊर्जा की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. अमावस्या के दिन का माहौल आध्यात्मिकता और साधना के लिए अनुकूल होता है, जो मां काली की पूजा करने वाले लोगों को लिए अच्छा रहता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि अमावस्या के दिन अशुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ता है, और इस समय मां काली की पूजा से यह अशुभता को नष्ट किया जा सकता है. इसी वजह से अमावस्या के दिन खासकर रात के समय मां काली की पूजा का विशेष महत्व है और इसे अध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है.

धनलाभ के लिए काली मां के उपाय 

काली मां की पूजा: नियमित रूप से काली मां की पूजा करें, विशेषकर शनिवार को, क्योंकि शनिवार को मां काली को विशेष रूप से प्रिय होती हैं.

काली मां का मंत्र: "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" या "ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हुं हुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हुं हुं ह्रीं ह्रीं स्वाहा" जैसे मां काली के मंत्र का जाप करें.

दीप दान: सरसों के तेल के दीप को मां काली की पूजा के समय प्रज्ज्वलित करें और उन्हें दान करें. 

काली मां के चरणों में अर्पण: धन लाभ के लिए अपने समस्त धन को मां काली के चरणों में अर्पित करने का संकल्प करें. 

काली मां का व्रत: किसी भी शुक्ल पक्ष की अमावस्या को काली मां का व्रत रखें. व्रत में नियमित रूप से पूजा और जप का अवश्य ध्यान रखें. 

काली मां के चरणों को स्पर्श करें: काली मां के मूर्ति, प्रतिमा, या चित्र के सामने बैठकर, उनके चरणों को स्पर्श करें और अपनी मनोकामनाएं मांगें.

धन प्राप्ति के लिए चाँदी का आभूषण: काली मां के पूजन में चाँदी के आभूषण का उपयोग करें, जो उनके शक्ति को आकर्षित करने में मदद कर सकता है. 

अमावस्या के दिन काली माता की पूजा से विभिन्न प्रकार की शक्तियाँ उत्पन्न होती हैं और इससे दुष्ट शक्तियों का नाश होता है. काली माता की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा और बुराई को शांत करने में मदद होती है. इस पूजा से भक्त को आत्मविश्वास, साहस, और शक्ति मिलती है. जीवन में आने वाले कष्ट और संघर्षों से मुक्ति मिलती है. मां काली को भयानक रूप में पूजने से भक्त को भय, आतंक, और भूत-प्रेतादि से रक्षा मिलती है. आत्मा को मोक्ष मिलता है और वह सुख-शांति की प्राप्ति होती है. यह सभी लाभ व्यक्ति के निष्ठा, श्रद्धा, और पूर्वाग्रह के साथ ही होते हैं. काली माता की पूजा को नियमित रूप से अमावस्या या अन्य विशेष तिथियों पर करने से भक्त को इसी प्रकार के आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

Source : News Nation Bureau

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