Maa Katyayani: मां कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन की देवी हैं. देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से छठा स्वरूप मां कात्यायनी को माना जाता है. "कात्यायनी" नाम का अर्थ है "कत्यू ऋषि की पुत्री". कत्यू ऋषि ने देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके फलस्वरूप उन्हें देवी कात्यायनी रूप में दर्शन मिले. मां कात्यायनी को लाल रंग की साड़ी पहने हुए, चार भुजाओं वाली देवी के रूप में चित्रित किया जाता है. उनके दाहिने हाथ में तलवार और चक्र, बाएं हाथ में कमल का फूल और वर मुद्रा होती है. हिन्दू धर्म में माँ कात्यायनी पूजा का बहुत महत्व है. नवरात्रि के नौवें दिन की धार्मिक रस्मों में इस पूजा को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है. इस पूजा को शक्ति के प्रकट होने का दिन माना जाता है और माँ कात्यायनी को माँ दुर्गा की शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को शक्ति, धन, सुख मिलता है. भक्तों को माँ के आशीर्वाद से इस पूजा में माँ कात्यायनी का विशिष्ट मंत्र, पूजा और अर्चना किया जाता है.
मां कात्यायनी पूजा का महत्व:
मनोकामना पूर्ति: मां कात्यायनी को "इच्छा पूर्ति देवी" भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर आप पूरी आस्था और भक्ति के साथ मां कात्यायनी की पूजा करते हैं तो मां आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
विवाह में सफलता: मां कात्यायनी उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं जो विवाह करना चाहती हैं. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखी रहता है.
सुख-समृद्धि: मां कात्यायनी घर में सुख-समृद्धि लाती हैं. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से घर में धन-संपत्ति आती है और परिवार में खुशियां बनी रहती हैं.
ज्ञान और विद्या: मां कात्यायनी ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और बुद्धि तेज होती है.
दुखों का नाश: मां कात्यायनी अपने भक्तों के सभी दुखों का नाश करती हैं. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से भय, चिंता और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है.
मां कात्यायनी पूजा विधि:
पूजा की तैयारी: पूजा स्थल को साफ करें और मां कात्यायनी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें. फिर दीपक, धूप, नैवेद्य और फूल तैयार करें.
मंत्र जाप: मां कात्यायनी का मंत्र "ॐ कात्यायनी देव्याय नमः" का 108 बार जप करें. आप चाहें तो "दुर्गा सप्तशती" का पाठ भी कर सकते हैं.
आरती: मां कात्यायनी की आरती उतारें और उन्हें भोग लगाएं.
प्रार्थना: अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मां कात्यायनी से प्रार्थना करें.
मां कात्यायनी पूजा के कुछ नियम:
- पूजा स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर करें.
- पूजा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- पूजा में मन लगाकर भक्ति भाव से शामिल हों.
- पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद ग्रहण करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau