Kumbh Mela Latest News in Hindi: प्रयागराज में सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में भूमि आवंटन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि और कुंभ मेला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में दस अखाड़ों ने भूमि आवंटन पर सहमति व्यक्त की, लेकिन निर्वाणी अनी, निर्मोही अनी और दिगंबर अनी अखाड़े के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नहीं हो सके.
भूमि आवंटन पर बनी सहमति
बैठक के दौरान प्रशासन और अखाड़ों के संतों के बीच पांच प्रतिशत अतिरिक्त भूमि आवंटित करने के मुद्दे पर सहमति बनी. जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, श्रीपंचायती निरंजनी, आह्वान अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, बड़ा उदासीन अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा और निर्मल अखाड़ा सहित दस अखाड़े बैठक में शामिल हुए. इन सभी अखाड़ों को सोमवार को भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया, जबकि तीन अनी अखाड़ों को मंगलवार को भूमि आवंटित की जाएगी.
बैठक में विवाद और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
दस दिन पहले भूमि आवंटन को लेकर हुई एक अनौपचारिक बैठक में दो अखाड़ों के साधु-संतों के बीच विवाद हो गया था. मामला इतना बढ़ गया था कि हाथापाई तक की नौबत आ गई. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अखाड़ा परिषद ने संकेत दिए हैं कि अनुशासनहीनता करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
धर्म संसद में उठेगा सनातन बोर्ड का मुद्दा
महाकुंभ 2025 के दौरान होने वाले पवित्र स्नानों के साथ-साथ धर्म संसद का आयोजन भी किया जाएगा. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने जानकारी दी कि इस धर्म संसद में देश-विदेश के साधु-संतों को आमंत्रित किया जाएगा. धर्म संसद में पारित प्रस्तावों को केंद्र और राज्य सरकारों को भेजा जाएगा. खासतौर पर सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए साधु-संतों द्वारा सनातन बोर्ड के गठन की मांग प्रमुख रूप से उठाई जाएगी. महाकुंभ के आयोजन से पहले अखाड़ा परिषद और प्रशासन के बीच भूमि आवंटन को लेकर बनी सहमति एक सकारात्मक कदम है. धर्म संसद में पारित प्रस्ताव और सनातन बोर्ड की मांग से महाकुंभ का आयोजन और भी विशेष हो जाएगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)