हिंदू धर्म में महालक्ष्मी के व्रत का काफी महत्व है. हर साल ये व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन शुरू होता है और पूरे 16 दिनों तक चलता है. इस साल ये तिथि 6 सितंबर को पड़ रही है. ये तिथि खास इसलिए भी है क्योंकि इस तिथि को राधाष्टी भी पड़ती है. महालक्ष्मी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक चलता है. ऐसे ये व्रत 6 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक रहेगा.
मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा भाव से इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और पूरे 16 दिनों तक महालक्ष्मी की पूजा करते हैं, उन्हें कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा उन पर बनी रहती है. इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा को भी काफी शुभ माना जाता है. दरअसल भगवान विष्णु को मां लक्ष्मी का पति बताया गया है. ऐसे में जो लोग माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की आराधना करते हैं. उन पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है.
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कैसे करें पूजा
इस दिन लोगों को सुबह उठकर नित्य कर्म और स्नान के बाद साफ सुथरे कपड़े पहन कर मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. इस दौरान एक सूत का डोर लेकर उसमें 16 गांठें बांधनी चाहिए. इसके बाद पूजा में मां को फूल, माला, चन्दन और दूर्वा, मिष्ठान और नारियल अर्पित करनी चाहिए.
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इस मंत्र का करें जाप
महालक्ष्मी व्रत के दिन 'लक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो