Maha Shivratri Diet: महा शिवरात्रि हिन्दू धर्म के अनुसार महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. यह हर साल फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और उनकी पूजा-अर्चना का महत्वपूर्ण दिन है. महा शिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और उन्हें शिवलिंग की पूजा करने का अवसर मिलता है. इस दिन व्रती भगवान शिव की आराधना में लगे रहते हैं और उनकी कृपा को प्राप्त करने की कामना करते हैं.
इस दिन के उपवास को विशेष माना जाता है और व्रती लोग अन्न और फल निषेध का पालन करते हैं. रात्रि में भगवान शिव की आराधना करने के लिए शिवलिंग पर दूध, दही, जल, जलेबी, बेल पत्र आदि चढ़ावा किया जाता है. महा शिवरात्रि का उत्सव धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जो शिव के भक्तों के लिए एक आनंदमय और पवित्र दिन होता है. शिव भक्त इस दिन के लिए कई सारी तैयारियां करते हैं. इसमें उपवास करना, पूजा-अर्चना करना भजन में शामिल होना जैसे कार्यक्रम होते हैं. लेकिन लोगों को पता नहीं होता है कि कैसे उपवास करें. फास्टिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
महा शिवरात्रि 2024 के उपवास के नियम हैं: शिवरात्रि के दिन उपवास करने वाले व्रती लोग दिन भर नीराजन, पूजा, ध्यान और शिव भगवान की भक्ति में लगे रहना चाहिए. शिवरात्रि के दिन शाम को ही उपवास का अंत होता है. इसलिए, उपवासी लोग रात्रि के समय भोजन कर सकते हैं. उपवास के दौरान अन्न, मांस, मसालेदार और तली हुई चीजें, नमक, शराब, तम्बाकू और अन्य अशुद्ध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए.
ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए और उपवासी को नियमित रूप से पूजा, मंत्र जप, ध्यान और अच्छे कर्मों में लगे रहना चाहिए. शिवरात्रि के दिन उपवास करने वाले व्रती को रात्रि को शिव मंदिर में जाकर शिव लिंग की पूजा करनी चाहिए. ये थे महा शिवरात्रि 2024 के उपवास के नियम. ये नियम भगवान शिव की पूजा और उनकी भक्ति में लगने के लिए अनुशासनपूर्ण और महत्वपूर्ण हैं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau