महाभारत की प्रभावशाली महिला पात्र गांधारी हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र की पत्नी और दुर्योधन की मां थीं. गांधार नरेश सुबल की बेटी गांधारी का भाई शकुनि था. गांधार को आज कंधार कहा जाता है और यह अब अफगानिस्तान में स्थित है. गांधार नरेश की बेटी होने के चलते उनका नाम गांधारी रखा गया था. धृतराष्ट्र से शादी होने के बाद गांधारी ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. गांधारी का मानना था कि पति धृतराष्ट्र जब संसार को नहीं देख सकते हो उन्हें भी पत्नी होने के नाते कुछ भी देखने की जरूरत नहीं है. इस कारण गांधारी की गिनती पतिव्रता स्त्रियों में की जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि पतिव्रता गांधारी ने श्रीकृष्ण को ऐसा कौन सा श्राप दे दिया था, जो श्रीकृष्ण को भारी पड़ा था.
दरअसल, महाभारत की लड़ाई में में कौरवों की हार हुई थी और गांधारी के सभी 100 पुत्रों की मौत हो गई थी. महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर गांधारी क्रोध में आ गईं. इस बीच श्रीकृष्ण वहां शोक जताने पहुंचे. आपको बता दें कि श्रीकृष्ण गांधारी का बेहद सम्मान करते थे.
बेटों के शवों पर विलाप कर रहीं गांधारी को भगवान श्रीकृष्ण के आने का पता चला, उसके बाद उन्होंने अपने पुत्रों की मौत का जिम्मेदार श्रीकृष्ण को ठहराया. गांधारी ने कहा, अगर उनके बेटों के खिलाफ षड्यंत्र न किया जाता तो उनकी मौत न होती और षड्यंत्र का जिम्मेदार और कोई नहीं, केवल श्रीकृष्ण हैं. गांधारी ने यह भी कहा कि श्रीकृष्ण चाहते तो युद्ध होता ही नहीं लेकिन उन्होंने ऐसा होने नहीं दिया. इसके बाद गांधारी ने भगवान श्रीकृष्ण को उनके वंश के नाश होने का श्राप दे दिया. भगवान श्रीकृष्ण ने उनके श्राप को स्वीकार किया और वहां से लौट गए. बाद में गांधारी के श्राप का असर हुआ और भगवान श्रीकृष्ण के वंश का नाश हो गया.
Source : News Nation Bureau