Vidur Niti: विदुर को उनकी बुद्धि और राजनीतिक कौशल के लिए जाना जाता था. महाराज विदुर महाभारत के प्रमुख पात्र धृतराष्ट्र और पांडु के सौतेले भाई थे. उनका जन्म एक दासी से हुआ था. लेकिन उनकी बुद्धि और ज्ञान इतना तेज था कि उन्होंने धृतराष्ट्र और पांडु को राजनीति और नीति शास्त्र में कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए. विदुर हमेशा न्याय और धर्म के पक्ष में खड़े रहते थे और कुरीतियों का विरोध करते थे. विदुर हमेशा कौरवों और पांडवों दोनों को ही सही मार्ग दिखाने की कोशिश करते थे. उन्होंने कई बार धृतराष्ट्र को उनके गलत फैसलों के बारे में आगाह किया. महाभारत युद्ध से पहले, विदुर ने कई बार युद्ध रोकने की कोशिश की और दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की. विदुर हमेशा न्याय और धर्म के पक्ष में खड़े रहते थे. उन्होंने अधर्म के खिलाफ आवाज उठाई और हमेशा सत्य का साथ दिया.
विदुर की नीतियां (Policies of Vidura)
विदुर की नीतिया (Vidur Niti) आज भी प्रासंगिक हैं. उन्होंने जीवन के कई पहलुओं पर महत्वपूर्ण बातें कही हैं, जैसे कि: सत्य बोलना, न्याय करना, कर्मठ होना, ज्ञान प्राप्त करना और धैर्य रखना.
सत्य बोलना
विदुर हमेशा सत्य बोलने की सलाह देते थे. सत्य बोलना न केवल आत्मशुद्धि का मार्ग है बल्कि यह समाज में विश्वास और भरोसा भी बढ़ाता है. आप अगर जीवन में विदुर की नीतियों का पालन करेंगे तो आपको सफलता मिलने में समय नहीं लगेगा
न्यायप्रिय होना
विदुर न्यायप्रिय थे. वे हमेशा न्याय की बात करते थे और अन्याय का विरोध करते थे. उनका मानना था कि व्यक्ति न्याय के साथ ही जीवन में कुछ भी हासिल कर सकता है. अन्याय करने वाला जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता.
कर्मठ होना
विदुर कर्मठ होने का महत्व बताते थे. उन्होंने कहा कि कर्म ही पूजा है और कर्म से ही मनुष्य को सफलता मिलती है. जो लोग अपने काम टालते हैं या दूसरों पर निर्भर होते हैं उन्हें जीवन में कभी कुछ हासिल नहीं होता.
विवेकशील होना
विदुर नीति में विवेकशील होने के महत्व के बारे में भी बताया गया है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को हर काम सोच-समझकर करना चाहिए. जल्दबाजी में लिए गए फैसले नुकसान ही पहुंचाते हैं.
संतुलित जीवन
संतुलित जीवन जीने की भी विदुर नीति में सलाह दी गयी है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को काम के साथ-साथ आध्यात्मिक कार्यों में भी ध्यान देना चाहिए. किसी भी एक कार्य के लिए जीवन के अन्य कार्यों को छोड़ देने में कोई समझदारी नहीं है.
दान का महत्व
विदुर दान का महत्व बताते थे. उन्होंने कहा कि दान करने से मन शांत होता है और पुण्य मिलता है. जीवन में सभी लोगों को दान करना चाहिए. गरीबों की मदद करने वाले की भगवान भी मदद करता है.
क्रोध पर नियंत्रण
वो क्रोध पर नियंत्रण रखने की सलाह देते थे. विदूर ने कहा कि क्रोध मनुष्य को बर्बाद कर देता है. गुस्से में व्यक्ति कभी सही फैसला नहीं ले पाता और कई बार सही बात को भी गलत समझ लेता है.
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विदुर का महत्व (Importance of Vidur Niti)
महाभारत में विदुर का किरदार बहुत महत्वपूर्ण है. वे एक बुद्धिमान, न्यायप्रिय और धर्मात्मा व्यक्ति थे. उनकी नीतियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं. विदुर ने हमें सिखाया कि हमें हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए और न्याय के लिए लड़ना चाहिए. विदुर के बारे में कुछ रोचक तथ्य की बात करें तो कहा जाता है कि वो यमराज के अवतार हैं. विदुर ने धृतराष्ट्र को कई बार युद्ध से बचाने की कोशिश की थी और पांडवों को भी कई बार सलाह दी थी. विदुर एक महान राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)