Advertisment

Mahashivratri 2023 : अगर पाना चाहते हैं मनचाहा वरदान, तो करें इस स्तोत्र का पाठ

आज महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पावन पर्व है.

author-image
Aarya Pandey
एडिट
New Update
Mahashivratri 2023

Mahashivratri 2023 ( Photo Credit : Social Media )

Advertisment

Mahashivratri 2023 : आज महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पावन पर्व है. आज के दिन शिव भक्त अपने अराध्य को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं. आपको बता दें, आज महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ करना बेहद जरूरी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसकी सभी मुश्किलें आसान हो जाती है और मनचाहे वरदान की भी प्राप्ति होती है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में भगवान शिव के स्तोत्र और आरती के बारे में बताएंगे, जिनका पाठ करना के बाद आपको भगवान शिव की आरती भी जरूर करनी चाहिए. 

ये भी पढ़ें-Mahashivratri 2023: आज है महाशिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और रखें इन बातों का विशेष ध्यान

भगवान शिव के लिंगाष्टकम स्तोत्र का करें पाठ (Mahashivratri 2023)

भगवान शिव के इस लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करना बेहद लाभदायी माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि अगर आप किसी कारणवश इनकी पूजा नहीं कर सकते हैं, तो आप मात्र इस लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करके ही भगवान शिव की पूजा पूरी कर सकते हैं. 

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥
देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥
सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥
कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।
दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥
कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।
सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥
देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।(Mahashivratri 2023)
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥
अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥
सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।
परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥
लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

ये भी पढ़ें-Mahashivratri Puja Timming 2023: इन पहर में करें भगवान शिव की अराधना, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

 

भगवान शिव की जरूर करें आरती (Mahashivratri 2023)

भगवान शिव की पूजा करने के बाद इस चमत्कारी आरती को जरूर करें. ये भगवान शिव का बेहद प्रिय आरती है. इस आरती को करने के बाद ही इनकी पूजा सिद्ध मानी जाती है. 

यहां है पूरी आरती 

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ओम जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ 
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे। सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

news-nation news nation videos न्यूज़ नेशन shiv mantra mahashivratri 2023 Shiv Lingashtakam Stotram Shiv Lingashtakam Stotram lyrics Shiv Lingashtakam Stotram in hindi Lingashtakam Stotram read Shiv aarti mahashivratri bhagwaan shiv aarti
Advertisment
Advertisment
Advertisment