Mahashivratri 2024: रात्रि के चार प्रहर होते हैं. ये प्रहर रात्रि के समय को चार भागों में विभाजित करते हैं, जो प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा निर्धारित किए गए हैं. प्रथम प्रहर (या रात्रि का प्रथम पहर) रात्रि की प्रारंभिक घड़ी का समय होता है, जो समय के अनुसार बदलता है, लेकिन आमतौर पर लगभग 6 बजे से लेकर 9 बजे तक का समय होता है. द्वितीय प्रहर (या रात्रि का द्वितीय पहर) प्रथम प्रहर के बाद का समय होता है, और आमतौर पर लगभग 9 बजे से लेकर 12 बजे तक का समय होता है. तृतीय प्रहर (या रात्रि का तृतीय पहर) द्वितीय प्रहर के बाद का समय होता है, और आमतौर पर लगभग 12 बजे से लेकर 3 बजे तक का समय होता है. चतुर्थ प्रहर (या रात्रि का चतुर्थ पहर) तृतीय प्रहर के बाद का समय होता है, और आमतौर पर लगभग 3 बजे से लेकर सूर्योदय तक का समय होता है. ये चार प्रहर रात्रि को चार भागों में विभाजित करते हैं, जो प्राचीन समय से ही उपयोग में आते आ रहे हैं. रात्रि के 4 पहर शिव जी की पूजा करने के अनेक फायदे हैं-
1. मोक्ष की प्राप्ति: मान्यता है कि रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस समय किए गए जाप और मंत्रों का विशेष महत्व होता है.
2. पापों से मुक्ति: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है.
3. मनोकामनाओं की पूर्ति: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
4. आध्यात्मिक उन्नति: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे आत्म-ज्ञान प्राप्त होता है.
5. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त होता है और उसे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.
6. ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्त होता है.
7. स्वास्थ्य लाभ: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है.
8. रोगों से मुक्ति: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति रोगों से मुक्त होता है.
9. परिवार में सुख-शांति: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति स्थापित होती है.
10. शत्रुओं पर विजय: रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है.
रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे: पूजा करने से पहले स्नान करना आवश्यक है. पूजा के दौरान स्वच्छ और सात्विक वस्त्र पहनना चाहिए. पूजा के दौरान ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है. पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण शुद्ध रूप से करना चाहिए. रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा करने के अनेक फायदे हैं. यदि आप इन फायदों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको रात्रि के 4 पहर में शिव जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau