Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि भगवान शिव के प्रति समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है.हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं. इसके साथ ही रात्रि जागरण करते हैं. महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है. इस दिन शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है. वहीं शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है. यह एक स्तंभनुमा संरचना है जो शिव की निराकार शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है. शिवलिंग का ऊपरी भाग त्रिकोणीय होता है जो शिव के त्रिशूल का प्रतीक है और निचला भाग गोलाकार होता है जो ब्रह्मांड का प्रतीक है.
महाशिवरात्रि का शिवलिंग से क्या है कनेक्शन?
शिवलिंग की उत्पत्ति
महाशिवरात्रि और शिवलिंग का गहरा संबंध है.पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव ने अपनी अग्नि ज्वाला से ब्रह्मा और विष्णु को स्तंभ के रूप में प्रकट किया था. स्तंभ का न तो आदि था और न ही अंत. ब्रह्मा और विष्णु स्तंभ के शीर्ष और आधार तक पहुंचने में असफल रहे. तब भगवान शिव स्तंभ से प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्मा और विष्णु को बताया कि वे ही सृष्टि के मूल हैं.
शिवलिंग की पूजा
महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिवलिंग की पूजा करते हैं. वे शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, बेल पत्र, धतूरा और अन्य सामग्री चढ़ाते हैं. इसके साथ ही भक्त इस दिन शिव मंत्रों का जाप करते हैं और रात्रि जागरण करते हैं. शिवलिंग को भगवान शिव की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau