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Mahashivratri Vrat Katha: इस कथा के बिना अधूरी है महाशिवरात्रि की पूजा, जरूर पढ़ें, मिलेगा पूरा फल

Mahashivratri Vrat Katha: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि व्रत का खास महत्व होता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की उपासना पूजा की जाती है. आपको महाशिवरात्रि व्रत पर विधि-विधान से पूजा करने के साथ-साथ ये कथा जरूर पढ़नी चाहिए.

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Sushma Pandey
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Mahashivratri Vrat Katha

Mahashivratri Vrat Katha( Photo Credit : SOCIAL MEDIA )

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Mahashivratri Vrat Katha: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि व्रत का विषेश महत्व होता है. पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्‍गुन मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि मनाई जाती है. आज यानि 8 मार्च 2024 को पूरे देश में धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाई जा रही है. आज शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करेंगे इसके साथ ही व्रत भी रखेंगे. इसके अलावा आपको महाशिवरात्रि व्रत पर विधि-विधान से पूजा करने के साथ-साथ ये कथा जरूर पढ़नी चाहिए. मान्यता है कि व्रत का पूरा फल तभी मिलता है जब आप पूजा के साथ ये कथा पढ़ेंगे. यहां पढ़ें महाशिवरात्रि व्रत की पूरी कथा. 

शिवरात्रि व्रत कथा 1

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार एक शिकारी था जो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जंगल में रहता था. एक दिन, शिकारी को शिकार नहीं मिला और वह भूख से बेहाल हो गया. रात में, वह एक बेल के नीचे बैठ गया और सो गया. उस बेल के नीचे एक शिवलिंग था. शिकारी की पत्नी ने शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाए थे. शिकारी की सांसों से बेलपत्र शिवलिंग पर गिरते रहे और शिवजी प्रसन्न हो गए.  सुबह, शिकारी को एक हिरण मिला और उसने उसे शिकार कर लिया. शिकारी ने अपनी पत्नी को बताया कि भगवान शिव ने उसकी मदद की है. तब से, शिकारी ने हर साल महाशिवरात्रि का व्रत रखा और भगवान शिव की पूजा की. 

शिवरात्रि व्रत कथा 2

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार एक गाय थी जो एक बेल के नीचे सो रही थी.  रात में, एक शेर गाय को खाने के लिए आया.  गाय ने भगवान शिव से मदद की प्रार्थना की. भगवान शिव ने गाय को बचाने के लिए एक विशाल लिंग प्रकट किया. लिंग इतना बड़ा था कि शेर डर गया और भाग गया. सुबह, गाय के मालिक को गाय और लिंग दिखाई दिया.  उन्होंने लिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाए और भगवान शिव की पूजा की. तब से, लोग हर साल महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं. 

शिवरात्रि व्रत कथा 3

एक बार, चंद्रमा को क्षय रोग हो गया. चंद्रमा ने भगवान शिव की पूजा की और उनसे क्षमा मांगी. भगवान शिव ने चंद्रमा को क्षमा कर दिया और उसे आशीर्वाद दिया कि हर साल महाशिवरात्रि के दिन चंद्रमा पूर्ण होगा. 

महाशिवरात्रि व्रत के लाभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. पापों से मुक्ति मिलती है. शिव जी की कृपा से जातकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 
सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. 

महाशिवरात्रि व्रत कैसे रखें

सुबह स्नान करके शिवालय में जाएं. भगवान शिव का अभिषेक करें. बेलपत्र, फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं. शिव चालीसा और आरती का पाठ करें. दिनभर उपवास रखें. 
रात में शिवरात्रि जागरण करें. अगले दिन सुबह स्नान करके पारण करें. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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