Rudraksha Wearing Rules: महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू त्योहार है. पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. इस दिन व्रत और पूजा करने से मोह-माया से मुक्ति प्राप्त होती है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था. इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. लेकिन आपको रुद्राक्ष धारण करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. इन 5 बातों का ध्यान रखकर आप महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं.
1. रुद्राक्ष का मुख
रुद्राक्ष विभिन्न मुखों में उपलब्ध होते हैं, प्रत्येक मुख का अपना महत्व होता है. अपनी राशि, जन्म तिथि, और मनोकामना के अनुसार रुद्राक्ष का मुख चुनें. क्योंकि रुद्राक्ष का मुख आपके जन्म नक्षत्र और राशि के अनुसार होना चाहिए. लत मुख का रुद्राक्ष धारण करने से लाभ नहीं होगा. महाशिवरात्रि पर 5, 6, 8, 11, 14, या 21 मुखी रुद्राक्ष धारण करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
2. रुद्राक्ष का आकार
रुद्राक्ष विभिन्न आकारों में उपलब्ध होते हैं. अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार रुद्राक्ष का आकार चुनें. इस बात का ध्यान रखें कि बहुत बड़ा या बहुत छोटा रुद्राक्ष धारण न करें.
3. रुद्राक्ष को धारण करने की विधि
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल से धोकर शुद्ध करें. रुद्राक्ष धारण करते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप जरूर करें. रुद्राक्ष को लाल या पीले धागे में पिरोकर गले में या कलाई में धारण करें.
4. रुद्राक्ष धारण करने का समय
रुद्राक्ष को धारण करने के लिए महाशिवरात्रि, सोमवार, पूर्णिमा या अमावस्या को धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि सुबह स्नान करने के बाद शुभ मुहूर्त देखकर ही रुद्राक्ष धारण करें.
5. इन बातों का रखें खास ध्यान
रुद्राक्ष धारण करने के बाद नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करें. रुद्राक्ष को नियमित रूप से गंगाजल से धोकर और धूप-दीप दिखाकर शुद्ध करें. रुद्राक्ष को रसायनों, साबुन, और डिटर्जेंट से दूर रखें. रुद्राक्ष को सोते समय, स्नान करते समय और शारीरिक संबंध बनाते समय उतार दें. रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें. इसे मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से दूर रखें. रुद्राक्ष धारण करते समय क्रोध, लोभ, ईर्ष्या आदि नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau