Mahesh Navami 2022 Katha and Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है. भगवान शिव का एक नाम महेश भी है और इस दिन शिवजी और माता पार्वती की विधिवत पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान शिव के आशीर्वाद से इसी दिन माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी और तभी से इस समाज के लोग धूमधाम से महेश नवमी मनाते हैं. महेश नवमी इस साल गुरुवार, 9 जून को मनाई जाएगी. ऐसे में चलिए जानते हैं महेश नवमी की पावन कथा और महादेव के उन अमोक गुप्त मंत्रों के बारे में जिनका इस दिन जाप करने से व्यक्ति को समस्त दुखों और पापों से छुटकारा मिल जाता है.
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महेश नवमी 2022 पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय वंश के थे. शिकार के दौरान वे ऋषियों के शाप से ग्रसित हुए. तब इस दिन भगवान शिव ने उन्हें शाप से मुक्त कर उनके पूर्वजों की रक्षा की और उन्हें हिंसा छोड़कर अहिंसा का मार्गदर्शन कराया था. महादेव ने अपनी कृपा से इस समाज को अपना नाम भी दिया. तभी से ये समुदाय 'माहेश्वरी' नाम से प्रसिद्ध हुआ. कहा जाता है कि भगवान शिव की आज्ञा से ही माहेश्वरी समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य समाज को अपनाया.
महेश नवमी 2022 शिव अमोक मंत्र
1. ॐ नमः शिवाय।
2. नमो नीलकण्ठाय।
3. ॐ पार्वतीपतये नमः।
4. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
5. ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
6. ऊर्ध्व भू फट्।
7. इं क्षं मं औं अं।
8. प्रौं ह्रीं ठः।