Mahila Naga Sadhu: देश में साधु-संतों की संख्या एक करोड़ से भी ऊपर है. इन्हीं साधु-संतों की एक बिरादरी में नागा साधु भी है. नागा साधु के नाम से ही पता चलता है कि वे निर्वस्त्र रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुषों की तरह महिला नागा साधु भी होती हैं? जी हां, देश में महिला नागा साधु भी हैं. हालांकि ये बहुत कम संख्या में दिखती हैं. इनके नियम भी पुरुष नागा साधुओं से थोड़े अलग होते हैं. ऐसे में आइए आज हम आपको महिला नागा साधुओं के बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्या महिला नागा साधु निर्वस्त्र रहती हैं?
आपको बता दें कि पुरुषों की तरह महिला नागा साधु निर्वस्त्र नहीं रहती हैं. इन्हें बिना कपड़ों के रहने की अनुमति नहीं होती. बल्कि महिला नागा साधु गेरुए रंग का एक वस्त्र धारण करती हैं, जिसे गंती कहा जाता है. इन्हें केवल एक ही वस्त्र पहनने की इजाजत होती है. ये अपने माथे पर तिलक लगाती हैं और जटाएं धारण करती हैं.
महिला नागा साधु बनना बेहद मुश्किल
महिला नागा साधु बनने के लिए इन्हें बहुत कठिन तप, साधना और तपस्या से गुजरना पड़ता है. ये गुफा, जंगलों, पहाड़ों आदि में रहकर साधना करती हैं और पूरे दिन भगवान की भक्ति में लीन रहती हैं. इन्हें साधु बनने के लिए 6 से 12 साल तक सख्त ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना पड़ता है. इसके बाद ही उनके गुरु नागा साधु बनने की अनुमति देते हैं.
महिला नागा साधु बनने के लिए करने पड़ते हैं ऐसे काम
महिला नागा साधु बनने के लिए इन्हें पहले अपना सिर मुंडवाना पड़ता है, बहुत दर्द झेलना पड़ता है, कठिन तप से गुजरना पड़ता है. इन्हे अच्छे से आंका जाता है कि ये कठिन रास्ते पर चल पाएगी या नहीं. इन्हें सारे सांसारिक बंधन तोड़ने पड़ते है. इन्हें जीते जी अपना पिंडदान तक करना पड़ता है. बता दें कि हिंदू धर्म में मरने के बाद पिंडदान किया जाता है. ये बहुत कम दिखाई देती हैं. हालांकि इन्हें भी पुरुष नागा साधुओं की तरह ही सम्मान मिलता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)