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Makar Sankranti : राष्ट्रपति, पीएम चख सकेंगे भागलपुर के प्रसिद्ध कतरनी चूड़े का स्वाद

खरमास महीने के गुजर जाने के बाद मनाए जाने वाले पर्व मकर संक्रांति के मौके पर इस साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भागलपुर की कतरनी चूड़ा का स्वाद चख सकेंगे. मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा और तिलकुट खाने की परंपरा है.

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Sunil Mishra
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राष्ट्रपति, पीएम चख सकेंगे भागलपुर के प्रसिद्ध कतरनी चूड़े का स्वाद( Photo Credit : File Photo)

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खरमास महीने के गुजर जाने के बाद मनाए जाने वाले पर्व मकर संक्रांति के मौके पर इस साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भागलपुर की कतरनी चूड़ा का स्वाद चख सकेंगे. मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा और तिलकुट खाने की परंपरा है. भागलपुर के प्रसिद्ध कतरनी का चूड़ा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर भेजा गया है. भागलपुर जिला प्रशासन के निर्देश के बाद जैविक विधि से उपजाए गए कतरनी धान से चूड़ा बनवाकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित 200 विशिष्ट लोगों के लिए 200 पैकेट कतरनी चूड़ा दिल्ली भेजा गया है.

भागलपुर जिला के प्रभारी कृषि पदाधिकारी दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि खास किस्म के चूड़े को लेकर कृषि विभाग की परियोजना 'आत्मा' के निदेशक प्रभात कुमार सिंह और प्रदुमन कुमार को दिल्ली भेजा गया है. उन्होंने बताया कि पहले यह चूड़ा बिहार भवन जाएगा और वहां से राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय सहित 200 विशिष्ठ लोगों के घरो तक पहुंचाया जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल भी रह चुके हैं.

सिंह ने बताया कि यहां से पहले भी जदार्लू आम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा जाता रहा है. उन्होंने बताया कि एक-एक किलो चूड़ा का 200 पैकेट बनवाया गया और फिर उसे दिल्ली भेजा गया है.

भागलुपर जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि कई जगहों से सैंपल मंगाये गए थे जिनमें से आभा रतनपुर गांव के किसान का सैंपल चयन किया गया है. कतरनी भागलपुर की विशिष्ट पहचान है. रतनपुर गांव में कतरनी धान की खेती बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के सलाह पर की गई है.

कतरनी चावल की अपनी विशेषता है. यह काफी सुगंधित भी होता है. भागलपुर की मंडी से कतरनी चूड़ा और चावल दिल्ली, बनारस, पटना, लखनऊ सहित दक्षिण भारत के कई शहरों में भी जाता है. मकर संक्रांति में अंग क्षेत्र (भागलपुर) की कतरनी बिहार का पसंदीदा सौगात माना जाता है.

उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची भी प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कई हस्तियों को भेजी जाती है. लीची के बगानों से पहले सैंपल मंगवाए जाते हैं और फिर मीठी और रसीली लीची का चयन कर उसे दिल्ली भेजा जाता है.

Source : IANS

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