Advertisment

How Gold is Made: इस किताब में लिखी है सोना बनाने की विधि, जानें स्वर्ण कैसे बनाया जाता है?

How Gold is Made: विश्वभर में सोने के दाम आसमान छू रहे हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आप सोना अपने घर पर ही बना सकते हैं. ये विधि शास्त्रों में बतायी गयी है.

author-image
Inna Khosla
New Update
making of gold is written in this religious book

making of gold is written in this religious book

How Gold is Made: ये तो सब जानते हैं कि दुनिया में सोना इसलिए इतना महंगा है क्योंकि यह बहुत ही सीमित मात्रा में बचा है और इसे बनाया नहीं जा सकता. सोना प्राकृतिक रूप से धरती पर बहुत कम मात्रा में पाया जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी प्राचीन भारतीय किताब के बारे में बताएंगे जिसमें सोना बनाने की विधि का विस्तृत वर्णन मिलता है. इस किताब में बताया गया है कि कैसे सोना बनाया जा सकता है और कई बार इसका दावा भी किया गया है.

Advertisment

इस पुस्तक में लिखी है सोना बनाने की विधि 

आयुर्वेद में ऐसा कुछ नहीं है जिस बारे में न लिखा गया हो. इस विषय पर एक प्राचीन किताब भी है जिसका नाम है "रस तंत्रसार और सिद्ध प्रयोग संग्रह." इस पुस्तक के रचयिता महान विद्वान आचार्य नागार्जुन थे. उन्होंने इस किताब में यह बताया है कि कैसे पारे (मरकरी) को सोने में परिवर्तित किया जा सकता है.

कहानी की शुरुआत होती है प्राचीन भारत के विदर्भ देश से, जिसे आजकल महाराष्ट्र का नागपुर कहा जाता है. वहां एक धनवान ब्राह्मण रहते थे जिनकी कोई संतान नहीं थी. एक रात उन्हें सपना आया कि अगर उन्होंने 100 ब्राह्मणों को भोजन कराया और उन्हें दक्षिणा दी, तो उन्हें संतान की प्राप्ति होगी. ब्राह्मण ने ऐसा ही किया और कुछ ही महीनों में उनके घर एक पुत्र का जन्म हुआ. हालांकि ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि यह बच्चा सात दिन से अधिक जीवित नहीं रहेगा.

ज्योतिषियों के अनुसार, ब्राह्मण ने फिर से ब्राह्मणों को बुलाकर उन्हें दान और दक्षिणा दी. इस पूजा और पुण्य कर्म को उसे फल मिला और उसके बालक की आयु सात वर्ष तक और बढ़ गई. लेकिन फिर से भविष्यवाणी की गई कि बच्चा केवल सात वर्ष तक ही जीवित रहेगा. इस डर से ब्राह्मण ने बच्चे को जंगल में भेज दिया. वहां उसकी मुलाकात एक साधु से हुई जो उसे नालंदा विश्वविद्यालय ले गए और वहां उसकी देखभाल और शिक्षा का प्रबंध किया.

वर्षों बाद जब नालंदा और आसपास के क्षेत्रों में अकाल पड़ा तो वहां के लोग भुखमरी का सामना करने लगे. आचार्य शरद जो नालंदा के प्रमुख थे उनको यह चिंता सताने लगी कि अब इन लोगों का कैसे पालन-पोषण किया जाएगा. तभी उन्हें खबर मिली कि समुद्र पार एक द्वीप पर एक महर्षि रहते हैं जिन्होंने स्वर्ण बनाने की कला में महारत हासिल की है. उन्होंने नागार्जुन से कहा कि वह उस द्वीप पर जाएं और स्वर्ण बनाने की विधि सीखें.

नागार्जुन मयूरी विद्या में निपुण थे इसलिए वे वट पत्र की सहायता से समुद्र पार कर उस द्वीप पर पहुंचे. वहां उन्होंने महर्षि से स्वर्ण बनाने की विधि सीखने का अनुरोध किया. महर्षि ने शर्त रखी कि अगर नागार्जुन उन्हें मयूरी विद्या सिखा दें और वट पत्र दे दें तो वे उन्हें स्वर्ण बनाने की विधि सिखाएंगे. नागार्जुन ने उनकी शर्त मान ली और स्वर्ण बनाने की कला सीख ली.

नागार्जुन नालंदा वापस लौटे और स्वर्ण निर्माण की इस विद्या का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया. धीरे-धीरे वह खुद आचार्य बन गए और आयुर्वेद शास्त्र के महान विद्वान माने गए. उन्होंने रस शास्त्र लिखा जिसमें मरकरी से सोना बनाने की तकनीक का विस्तार से वर्णन किया गया है.

आज भी यह किताब मौजूद है और वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं. मरकरी का एटॉमिक नंबर 80 और गोल्ड का एटॉमिक नंबर 79 है, जिससे यह संभव हो सकता है कि मरकरी को गोल्ड में परिवर्तित किया जा सके. यह कहानी बताती है कि आचार्य नागार्जुन ने कैसे स्वर्ण निर्माण की कला को सीखा और इसका समाज के लिए उपयोग किया. यह थी सोना बनाने की प्राचीन विधि की अद्भुत कहानी जो आयुर्वेद और रस शास्त्र के माध्यम से आज भी जीवित है.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

Advertisment

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Religion News in Hindi Gold Gold Astrology
Advertisment
Advertisment