Mangala Gauri Vrat: इस साल सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई 2024, मंगलवार को शुभ योग में मनाया जाएगा. सावन के महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग के साथ मिलकर आ रहा है. इन योगों का संयोग अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दिन किए गए व्रत और पूजा का फल और भी अधिक प्राप्त होता है. सावन मंगला गौरी व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्रत है, जो परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है. यह व्रत श्रद्धा और भक्ति से किया जाना चाहिए, और इससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं.
व्रत का शुभ मुहूर्त 23 जुलाई 2024, मंगलवार को सुबह 3:13 बजे से 5:46 बजे तक
मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
प्रातः स्नान करने के बाद मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. माँ पार्वती को लाल चुनरी, मेहंदी, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करें. 16 श्रृंगार अर्पित करें और मंगला गौरी व्रत कथा पढ़ें. इसके बाद आप मां पार्वती और भगवान शिव की आरती करने के बाद निर्जला व्रत का संकल्प भी ले सकते हैं या सात्विक भोजन के साथ ये व्रत रख सकते हैं. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें और फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें.
सुहागिन महिलाएं यह व्रत अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं. अविवाहित महिलाएं इस व्रत को मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए रखती हैं. मान्यता है कि पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि के लिए भी मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. ये भी माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से मां पार्वती की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अगर आप भी सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशियां चाहते हैं, तो इस साल मंगला गौरी का व्रत रख सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau