Mantra Jaap: हिंदू धर्म में मंत्र का जाप बेहद मायने रखता है, मात्र एक मंत्र के जाप से आपका जीवन सुधर सकता है और अगर आपने किसी मंत्र का उच्चारण गलत किया तो आपके जीवन में परेशानियां भी खड़ी हो सकती है. इसलिए सही विधि, सही समय और आसन पर बैठकर ही सभी मंत्रों का जाप करना चाहिए. मंत्रों के जाप जीवन की सारी समस्या दूर हो सकती हैं और आपका जीवन सुधर सकता है.तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में तीन तरीके से किए गए मंत्रों के जाप के बारे में बताएंगे, जिसमें से सबसे सर्वश्रेष्ठ मंत्र का जाप कौन सा माना जाता है.
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मंत्र जाप की विधि क्या है?
1.मानसिक जाप करें
जब कोई व्यक्ति साधना करते समय मंत्रों का उच्चारण बोलकर करने की जहग मन में ही करता है, उसे मानसिक जाप कहा जाता है. इसे आप बिना किसी सहारे के आप अपने मन में ही मंत्रों का जाप करते हैं, जिससे लोगों को इसके बारे में बता भी नहीं चलता है, वह व्यक्ति मंत्र पढ़ रहा है.
2.वाचिक जाप करें
वाचिक जाप उसे कहा जाता है, जिसे उच्च स्वर में पढ़ा जाता है. इसे दूसरे लोग बड़े ही आसानी से सुन लेते हैं. इसमें श्रोता सुनकर किसी मंत्र को याद भी कर सकता है.
3.अपांशु जाप करें
अपांशु जाप में आप मानसिक के साथ साथ वाचिक होकर मंत्र का जाप करते हैं, जैसे इस मंत्र का जाप करते वक्त आप मन के साथ- साथ आप इसे बिना बोले पढ़ते हैं. जब आप मंत्र का जाप करेंगे, तो किसी व्यक्ति को मंत्र का उच्चारण सुनाई नहीं देगा. इसमें सिर्फ आपके होठ हिलते दिखाई देंगे.
बात करें सबसे अच्छे जाप की
शास्त्रों के अनुसार मानसिक जाप को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गाया है, इसमें उच्चारण का पता नहीं चलता है, इसमें साधव मंत्रों को अपने मन में ही पढ़ता है और मानसिक जाप करने से उत्तम फल मिलता है और आपकी उन्नति भी जल्दी होती है. इसलिए मानसिक जाप ही करना चाहिए. वहीं मानसिक जाप से पुत्र प्राप्ति के साथ-साथ आपके रोगों का निवारण भी जल्द होता है.