30 दिसंबर यानि कि बुधवार को मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन पूजा-पाठ, स्नान और दान का खास महत्व है. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विधिवत् पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है. इसके साथ जीवन में आ रही समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने से लक्ष्मीपति विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. वहीं मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और चंद्रमा की भी पूजा का भी खास महत्व है.
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा मुहूर्त-
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 29 दिसंबर को शाम 7 बजकर 55 मिनट से शुरू
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ समाप्त- 30 दिसंबर को रात 8 बजकर 59 मिनट तक
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि-
इस दिन सबसे पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करें. अगर ये संभव नहीं है तो घर में ही नाहने के पानी में गंगाजल डालें और फिर स्नान करें. इसके बाद मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत करने का संकल्प लें. इस दिन भगवना सत्यनारायण की पूजा का भी विशेष महत्व है. भगवान विष्णु को आसन पर स्थापित करने के बाद गंध, पुष्प और भोग अर्पित करें. इसके बाद पूजा स्थल पर वेदी बनाएं और हवन-पूजन करें.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गरीबों और ब्राह्मण को भोजन करावाएं. इसके साथ ही जरूरतमंदों को खानें पीने की चीजें और वस्त्रों को दान करें. इस व्रत में लहसन, प्याज और मादक वस्तुओं के इस्तेमाल से परहेज करें.
Source : News Nation Bureau