Margashirsha Purnima 2022 : हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है. वहीं मार्गशीर्ष माह भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय माह है, इस माह में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ फलदायी साबित होता है. इस माह में स्नान-दान करना उत्तम माना जाता है. वहीं मार्गशीर्ष पूर्णिमा साल का अंतिम पूर्णिमा है, इसी वजह से यह पूर्णिमा और खास माना जा रहा है. साल का अंतिम पूर्णिमा दिनांक 19 दिसंबर 2022 दिन सोमवार को है. तो ऐसे में आइए जानते हैं, मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्त्व क्या है, तिथि और शुभ मुहूर्त कब है. आखिर क्यों खास है, साल का अंतिम पूर्णिमा.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त कब है?
साल का अंतिम पूर्णिमा दिनांक 7 दिसंबर 2022 को सुबह 08:02 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 8 दिसंबर 2022 को सुबह 09:36 मिनट तक रहेगा. इसलिए पूर्णिमा का व्रत दिनांक 7 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा.
क्या है मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्त्व?
पूर्णिमा के दिन चांद पृथ्वी और जल को बेहद प्रभावित करता है, इसलिए इस दिन स्नान-दान करने का बेहद खास महत्त्व है, इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहते हैं, इस दिन जो व्यक्ति भगवान विष्णु और शिव की अराधना करता है, उसे पूर्णिमा के दिन कई गुना ज्यादा फल मिलता है. इस दिन चांद की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए.
अंतिम पूर्णिमा है बेहद खास
साल का अंतिम पूर्णिमा बेहद खास है. क्योंकि इस दिन सिद्धि योग के साथ रवि योग भी बन रहा है, इस दिन आप जो भी काम करते हैं, उसका आपको कई गुना फल मिलता है.
अंतिम पूर्णिमा के दिन स्नान और दान धर्म का है महत्त्व
सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और व्रत संकल्प लें, उसके बाद जल में तुलसी पत्ता डालकर सूर्य देव को अर्ध्य दें और रात्रि के समय चांद को भी अर्घ्य दें. इससे आपकी कुंडली में चांद की स्थिति और मजबूत होगी. इस दिन सफेद कपड़े और जल का दान जरूर करना करना चाहिए.
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इस दिन करें इस मंत्र का 108 बार जाप
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय