Masik Kalashtami 2022 Gupt Mantra: हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत किया जाता है. इस बार अषाढ़ महीने की कालाष्टमी 21 जून को पड़ रही है. इस दिन भगवान शंकर के रौद्र रूप भैरव की पूजा की जाती है. इन्हें तंत्र-मंत्र का देवता भी माना जाता है. इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण करने और उसके बाद भैरव की पूजा करने से न सिर्फ पितृ दोष से मुक्ति मिलती है बल्कि व्यक्ति अपने भय पर भी विजय प्राप्त करता है. वहीं, शास्त्रों में कालभैरव भगवान के कुछ ऐसे गुप्त और अत्यंत चमत्कारी मंत्र बताए गए हैं जिनका कालाष्टमी व्रत के दौरान उच्चारण व्यक्ति को दिव्य फल की प्राप्ति करा सकता है.
यह भी पढ़ें: Hastrekha Shastra: हाथों में होती है ऐसी रेखा, लव लाइफ बीतती है अच्छी और बरसता है खूब पैसा
कालभैरव मंत्र
1. ओम कालभैरवाय नम:।
2. ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
3. ओम भ्रं कालभैरवाय फट्।
4. 'ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।
5. धर्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम्।
द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिनेत्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये।।
काल भैरव गायत्री मंत्र
ओम शिवगणाय विद्महे। गौरीसुताय धीमहि। तन्नो भैरव प्रचोदयात।।
कालाष्टमी व्रत 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 जून दिन सोमवार को रात 09 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 21 जून मंगलवार को रात 08 बजकर 30 मिनट पर हो रहा है. बाबा काल भैरव तंत्र मंत्र के देवता है, इसलिए इनकी पूजा रात्रि प्रहर में होती है. इस आधार पर रात्रि प्रहर की पूजा का मुहूर्त 20 जून को प्राप्त हो रहा है. ऐसे में आषाढ़ माह की कालाष्टमी व्रत 20 जून को है.